26 साल पुरानी जमीन धोखाधड़ी का खुलासा: कार्बन कापी में छेड़छाड़ कर की गई ठगी

26 साल पुरानी जमीन धोखाधड़ी का खुलासा: कार्बन कापी में छेड़छाड़ कर की गई ठगी

11, 8, 2025

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 26 साल पहले हुई एक जमीन धोखाधड़ी का राज अब खुला है। पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।


मामला क्या है?

नागपुर निवासी और एसईसीएल जमुना-कोतमा एरिया में सुरक्षा अधिकारी रहे अरुण कुमार दुबे ने 1999 में मोपका स्थित रामफल कैवर्त की जमीन सुरेश मिश्रा से खरीदी थी। सुरेश ने बताया था कि रामफल ने उसे मुख्तियारनामा दिया है, जिसके आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। खरीद के बाद से ही अरुण कुमार का कब्जा जमीन पर बना हुआ था।


धोखाधड़ी का खुलासा कैसे हुआ?

करीब एक साल पहले अरुण कुमार ने अपनी जमीन का नामांतरण सावित्री देवी राठौर के नाम कर दिया। जब सावित्री देवी ने तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए आवेदन किया, तो सुरेश ने आपत्ति की। उसने रजिस्ट्री की दूसरी कापी पेश की, जिसमें जमीन दूसरे के नाम पर दिखाई गई थी। शक होने पर अरुण कुमार ने दस्तावेजों की जांच कराई। इसमें पता चला कि 1999 में ही सुरेश मिश्रा ने रजिस्ट्री की कार्बन कापी में छेड़छाड़ कर दूसरा खसरा नंबर दर्ज करा दिया था, जिसके आधार पर वह जमीन पर दावा कर रहा था।


पुलिस की कार्रवाई

अरुण कुमार की शिकायत पर पुलिस ने दस्तावेज लेखक महेंद्र सिंह ठाकुर (50) को गिरफ्तार किया। सुरेश मिश्रा फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपितों में राजेश कुमार मिश्रा, मनोज कुमार दुबे और बनमाली मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है।


यह मामला यह दर्शाता है कि पुराने दस्तावेजों में भी छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी की जा सकती है। पुलिस की तत्परता और जांच के कारण 26 साल पुरानी ठगी का खुलासा हुआ है।

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