रायपुर में DSP पर दुष्कर्म का आरोप, दो दिन पहले दर्ज कराई थी हनीट्रैप की शिकायत

रायपुर में DSP पर दुष्कर्म का आरोप, दो दिन पहले दर्ज कराई थी हनीट्रैप की शिकायत

11, 8, 2025

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रायपुर। राजधानी में पुलिस महकमे को हिला देने वाला मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के अधिकारी और रायपुर में पदस्थ डीएसपी याकूब मेमन पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगा है। खास बात यह है कि उन्होंने महज़ दो दिन पहले ही हनीट्रैप का शिकार बनाए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। अब पीड़िता की ओर से लगाए गए ताजा आरोपों ने पूरे प्रकरण को और पेचीदा बना दिया है।


मामला कैसे सामने आया?

मिली जानकारी के मुताबिक, एक युवती ने रायपुर थाने में लिखित शिकायत दी है कि डीएसपी ने उसका शोषण किया। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी है।

वहीं, इसी सप्ताह डीएसपी ने खुद को हनीट्रैप का शिकार बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि कुछ लोग उन्हें फंसाकर पैसे और फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं।

अब जब उन पर दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ है, तो सवाल उठने लगे हैं कि क्या दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं या फिर यह पूरी तरह अलग घटनाएँ हैं।


हनीट्रैप केस की पृष्ठभूमि

डीएसपी याकूब मेमन ने दो दिन पहले थाने में जो शिकायत दर्ज कराई थी, उसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें एक महिला द्वारा जाल में फंसाने की कोशिश की जा रही है। उस शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि यह साजिश सुनियोजित तरीके से की गई है और इसके पीछे कुछ लोग हैं, जो उनकी छवि खराब करना चाहते हैं।

जांच अधिकारी ने उस शिकायत पर बयान दर्ज किए थे और मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की गई थी।


दुष्कर्म का नया आरोप

अब जिस महिला ने दुष्कर्म की शिकायत की है, उसका कहना है कि अधिकारी ने विश्वास का फायदा उठाते हुए उसके साथ जबरदस्ती की। महिला ने मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामले में धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही, पुलिस ने यह भी बताया कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।


पुलिस विभाग में हलचल

डीएसपी पर लगे आरोप ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। एक ओर अधिकारी की ओर से हनीट्रैप का आरोप, दूसरी ओर महिला की दुष्कर्म शिकायत — दोनों ने विभाग के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि “कानून सबके लिए बराबर है। आरोप गंभीर हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। यदि अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो कार्रवाई तय है।”


राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

यह मामला अब सिर्फ पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर लोग इस पर खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। कुछ लोग इसे पुलिस की साख पर सवाल बताते हैं, तो कुछ का कहना है कि पहले दोनों पक्षों की पूरी बात सामने आनी चाहिए।

कुछ सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि उस पर दबाव न बनाया जा सके। वहीं, अधिकारी की ओर से लगाए गए हनीट्रैप आरोपों की भी जांच जरूरी मानी जा रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।


कानूनी प्रक्रिया

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि दुष्कर्म का आरोप साबित होता है तो सजा बेहद कठोर हो सकती है। वहीं, यदि यह साबित हो जाए कि मामला हनीट्रैप से जुड़ा है, तो आरोप लगाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो सकती है।

दोनों केसों की जांच अभी शुरुआती दौर में है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और दोनों पक्षों के बयानों पर आधारित साक्ष्य इकट्ठा करने होंगे।

डीएसपी याकूब मेमन पर लगे ताजा दुष्कर्म आरोप और उनकी खुद की हनीट्रैप शिकायत ने पूरे मामले को उलझा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच आगे किस दिशा में जाती है और सच्चाई क्या निकलकर सामने आती है।

एक ओर महिला न्याय की उम्मीद कर रही है, तो दूसरी ओर अधिकारी खुद को साजिश का शिकार बता रहे हैं। ऐसे में कानून और अदालत का फैसला ही यह तय करेगा कि सच कौन कह रहा है।

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