एनएचएम कर्मचारी हड़ताल खत्म: सरकार ने मानी 3 मांगें, विकास बनेंगे कदम

एनएचएम कर्मचारी हड़ताल खत्म: सरकार ने मानी 3 मांगें, विकास बनेंगे कदम

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा कर्मचारियों की लंबी चली आ रही हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई है। करीब ३२ दिनों से जारी यह अनिश्चितकालीन आंदोलन तब समाप्त हुआ जब सरकार ने कर्मचारियों की तीन अहम मांगों को स्वीकार कर लिया। इस फैसले के बाद कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर लौटने के लिए तैयार हो गए और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में फिर से सामान्य स्थिति बहाल होने लगी।

हड़ताल की पृष्ठभूमि
एनएचएम के संविदा कर्मचारी १८ अगस्त से हड़ताल पर थे। उन्होंने सरकार से कुल दस बड़ी मांगें रखीं, जिनमें स्थायीकरण की प्रक्रिया, सार्वजनिक स्वास्थ्य कैडर की स्थापना, ग्रेड पे का निर्धारण, नियमित भर्ती में आरक्षण, अनुकंपा नियुक्ति, मेडिकल अवकाश की सुविधा, स्थानांतरण नीति और वेतन वृद्धि शामिल थीं। कर्मचारियों का कहना था कि वर्षों से लगातार सेवा देने के बावजूद उन्हें स्थायित्व और उचित सुविधाएँ नहीं दी जा रही हैं।

इस आंदोलन की वजह से राज्य की स्वास्थ्य सेवाएँ काफी प्रभावित हुईं। अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। इलाज के लिए आने वाले लोगों को या तो लंबा इंतजार करना पड़ा या फिर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा। इस स्थिति को देखते हुए सरकार पर समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया।

सरकार और कर्मचारियों के बीच वार्ता
लगातार बातचीत के कई दौर के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने एनएचएम कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसमें एनएचएम के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में कर्मचारियों की कुछ मांगों पर तुरंत सहमति बनी, जबकि कुछ पर आगे कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।

सरकार ने जिन तीन प्रमुख मांगों को स्वीकार किया, उनमें शामिल हैं:

  1. ग्रेड पे और अनुकंपा नियुक्ति में सुधार।

  2. मेडिकल अवकाश की सुविधा को ३० दिनों तक बढ़ाना।

  3. कैशलेस चिकित्सा बीमा की राशि को १० लाख रुपये करना।

इसके अलावा, सरकार ने यह भी तय किया कि हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया था, उनकी नोटिस अवधि रद्द होगी। साथ ही, जिन कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया था, उन्हें बहाल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

वेतन वृद्धि पर फैसला
सरकार पहले ही एनएचएम कर्मचारियों के वेतन में २२ प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है। इसके अलावा ५ प्रतिशत अतिरिक्त बढ़ोतरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों की अन्य मांगों को लेकर उच्च स्तरीय समितियाँ बनाई जाएँगी, जो आगे विस्तृत अध्ययन कर निर्णय लेंगी।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
एनएचएम कर्मचारी संगठनों ने कहा कि सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को मानकर सकारात्मक पहल की है। उनका मानना है कि बाकी मांगों पर भी जल्द निर्णय होगा। कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का फैसला जनता और मरीजों की परेशानियों को देखते हुए भी लिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब सरकार वादों को समय पर पूरा करेगी और उन्हें बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा।

जनता को राहत
कर्मचारियों के काम पर लौटने से अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएँ पटरी पर लौटने लगी हैं। लंबे समय से प्रभावित हो रहे इलाज और स्वास्थ्य कार्यक्रम अब सामान्य ढंग से चल पाएँगे। इससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है।

भविष्य की चुनौतियाँ
हालांकि हड़ताल खत्म हो गई है, लेकिन चुनौती अभी भी बनी हुई है। कर्मचारियों की बाकी मांगें जैसे कि स्थायीकरण और कैडर निर्माण पर ठोस निर्णय लेना सरकार के लिए आवश्यक होगा। अगर समय पर कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में फिर से असंतोष और आंदोलन खड़े हो सकते हैं।

यह पूरी घटना इस बात का सबूत है कि किसी भी क्षेत्र की रीढ़ कहे जाने वाले कर्मचारी यदि असंतुष्ट रहते हैं तो व्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है। सरकार और कर्मचारी संगठनों को संवाद बनाए रखना होगा ताकि भविष्य में टकराव की नौबत न आए।

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