सीजीपीएससी परीक्षा घोटाला: आरती वासनिक समेत पाँच आरोपी गिरफ्तार, विभाग में मिली गड़बड़ियों की पुष्टि

सीजीपीएससी परीक्षा घोटाला: आरती वासनिक समेत पाँच आरोपी गिरफ्तार, विभाग में मिली गड़बड़ियों की पुष्टि

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती परीक्षा घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। परीक्षा नियंत्रक रही आरती वासनिक और पूर्व सचिव के पुत्र समेत कुल पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कदम लंबे समय से हो रही जांच का परिणाम है, जिसमें चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतें मिलती रही थीं।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुछ नाम शामिल हैं: आरती वासनिक — जो परीक्षा नियंत्रक थीं, सुमित ध्रुव — पूर्व सचिव के बेटे, निशा कोसले, दीपा आदिल, एवं जीवन किशोर ध्रुव। इनमें से सुमित ध्रुव की नियुक्ति ‘डिप्टी कलेक्टर’ पद पर की गई है। यह मामला सीजीपीएससी द्वारा २०२०-२२ के बीच कराई गई परीक्षाओं की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।

घोटाले की जांच शुरू में राज्यस्तरीय एजेंसियों द्वारा की जा रही थी; बाद में CBI ने FIR दर्ज की। जांच में यह पता चला कि परीक्षा के दौरान चयन प्रक्रिया में पक्षपात हुआ है। कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा इंटरव्यू और मेरिट सूची में शामिल कराने में नियमों का उल्लंघन किया गया। आरोप है कि राजनीतिक और प्रशासनिक दबावों के कारण कुछ अधिकारियों ने प्रस्तावित निर्देशों में बदलाव किए ताकि उनकी संबंधियों या परिचितों को लाभ मिल सके।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरती वासनिक पहले भी इस मामले में पूछताछ का सामना कर चुकी थीं। मंगलवार की कार्रवाई में आरती वासनिक और अन्य आरोपियों को CBI हिरासत में लिया गया और उनसे विस्तृत पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियों को कई दस्तावेज़ व साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर अब आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

घटित घटनाओं पर जनता की प्रतिक्रिया तीखी है। कई नागरिक संगठनों और मीडिया ने यह मांग की है कि भर्ती परीक्षाएँ पारदर्शी तरीके से हों, चयन प्रक्रिया साफ-सुथरी हो, और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। सरकार और आयोग को जवाबदेही की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी ताकि विश्वास बहाल हो सके।

यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि सार्वजनिक भर्ती में निष्पक्षता और पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है। भर्ती में हेरफेर से सिर्फ चयनित उम्मीदवारों को ही नुकसान नहीं होता बल्कि सत्य के साथ मेहनत कर रहे लाखों युवाओं के भरोसे को भी ठेस पहुंचती है।

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