छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की उपस्थिति के लिए नया डिजिटल सिस्टम: पांच जिलों में लागू

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की उपस्थिति के लिए नया डिजिटल सिस्टम: पांच जिलों में लागू

11, 8, 2025

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संक्षिप्त परिचय:
छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और कक्षा संचालन की निगरानी को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से एक नया मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है। यह एप्लिकेशन फिलहाल महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर और रायगढ़ जिलों में लागू किया गया है।


📱 एप्लिकेशन की विशेषताएँ

  • स्थान-आधारित उपस्थिति: यह एप्लिकेशन केवल स्कूल परिसर में 50 मीटर की परिधि में सक्रिय होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि शिक्षक विद्यालय में उपस्थित हैं।

  • ए.आई. आधारित निगरानी: एप्लिकेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया है, जिससे उपस्थिति की वास्तविकता की जांच की जा सकती है।

  • रियल-टाइम रिपोर्टिंग: शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी सीधे जिला मुख्यालय तक पहुँचती है, जिससे अधिकारियों को रियल-टाइम में डेटा प्राप्त होता है।

  • प्रधानाध्यापकों के लिए नियंत्रण: प्रत्येक स्कूल के प्रधानाध्यापक को स्टाफ की उपस्थिति, अवकाश की स्थिति और कक्षा संचालन पर निगरानी रखने की सुविधा मिलती है।


🧪 पायलट परीक्षण और विस्तार

इस एप्लिकेशन का पायलट परीक्षण 20,000 शिक्षकों के साथ किया गया था, जो सफल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को बिलासपुर से 'विद्या समीक्षा केंद्र' की शुरुआत की थी, जिसके बाद इस एप्लिकेशन को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अब इसे पांच जिलों में लागू किया गया है, और भविष्य में इसे प्रदेश के सभी 56,080 स्कूलों में लागू करने की योजना है।


🎯 उद्देश्य और लाभ

  • शिक्षकों की जवाबदेही: डिजिटल उपस्थिति प्रणाली से शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

  • शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार: कक्षा संचालन की निगरानी से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की संभावना है।

  • प्रशासनिक दक्षता: रियल-टाइम डेटा से प्रशासनिक निर्णय लेने में तेजी और दक्षता आएगी।


🔄 भविष्य की दिशा

यह पहल राज्य में शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में, इस प्रणाली को अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा, जिससे पूरे राज्य में शिक्षकों की उपस्थिति और कक्षा संचालन की निगरानी प्रभावी रूप से की जा सकेगी।

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