रायपुर के सूदखोर तोमर बंधु 4 महीने से फरार, ₹5,000 के इनाम के बावजूद पुलिस की पकड़ से बाहर

रायपुर के सूदखोर तोमर बंधु 4 महीने से फरार, ₹5,000 के इनाम के बावजूद पुलिस की पकड़ से बाहर

11, 8, 2025

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रायपुर, 21 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूदखोरी और अवैध वसूली के मामलों में संलिप्त दो हिश्ट्रीशीटर अपराधी, वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी सिंह और रोहित तोमर, पिछले चार महीने से फरार हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए ₹5,000 का इनाम घोषित किया है, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।

आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले

पुलिस के अनुसार, तोमर बंधुओं के खिलाफ रायपुर के पुरानी बस्ती और तेलीबांधा थानों में कुल सात मामले दर्ज हैं। इन मामलों में सूदखोरी, धमकी, मारपीट और आर्म्स एक्ट जैसी गंभीर धाराएँ शामिल हैं। इन आरोपों के चलते पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन वे अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

परिवार के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार

पुलिस ने तोमर बंधुओं के परिवार के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें एक बहू, भतीजा दिव्यांश, दो वकील और दो कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को जेल भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि फरार चल रहे आरोपियों के संपर्क में रहने के कारण इन पर कार्रवाई की गई है।

संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया

कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 18 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वे कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद, कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया और प्रशासन ने उनकी संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर की संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसे अंजाम दिया जाएगा।

पुलिस की कार्रवाई और तकनीकी निगरानी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, तोमर बंधु लंबे समय से फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है। पुलिस ने छापेमारी और तकनीकी निगरानी के माध्यम से उनकी तलाश जारी रखी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही कोई पुख्ता जानकारी मिलती है, आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

निष्कर्ष

तोमर बंधुओं की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक चुनौती बन चुकी है। उनके खिलाफ दर्ज मामलों और उनकी फरारी से यह स्पष्ट है कि वे लंबे समय से अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। पुलिस की सक्रियता और जनता से सहयोग की आवश्यकता है ताकि इन अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं, जो रायपुर की सुरक्षा व्यवस्था और आपराधिक गतिविधियों के नेटवर्क को उजागर कर सकते हैं।

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