शारदीय नवरात्रि से जुड़ी दुर्ग जिले के दो ऐतिहासिक मंदिरों की कथा: चंडी माता और सतरूपा शीतला मंदिर

शारदीय नवरात्रि से जुड़ी दुर्ग जिले के दो ऐतिहासिक मंदिरों की कथा: चंडी माता और सतरूपा शीतला मंदिर

11, 8, 2025

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दुर्ग, छत्तीसगढ़, 21 सितंबर 2025: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। इस अवसर पर दुर्ग जिले के ऐतिहासिक मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भव्य आयोजन किए जाएंगे। इन मंदिरों में चंडी माता मंदिर और सतरूपा शीतला मंदिर प्रमुख हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

चंडी माता मंदिर: 250 वर्षों से अधिक पुराना

चंडी माता मंदिर दुर्ग शहर के समीप स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जिसकी स्थापना लगभग 250 वर्ष पूर्व हुई थी। यह मंदिर दुर्ग क्षेत्र की सात देवियों में से एक मानी जाती है, जो क्षेत्र की रक्षा करती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा और कलश यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

सतरूपा शीतला मंदिर: शीतला माता की पूजा का केंद्र

सतरूपा शीतला मंदिर दुर्ग शहर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर शीतला माता को समर्पित है, जो रोगों और महामारी से मुक्ति की देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।

नवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन

नवरात्रि के दौरान इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, कलश यात्रा, भंडारे और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। श्रद्धालु इन आयोजनों में भाग लेकर देवी दुर्गा की आराधना करते हैं और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

निष्कर्ष

दुर्ग जिले के चंडी माता और सतरूपा शीतला मंदिर शारदीय नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन मंदिरों में आयोजित होने वाले विशेष आयोजनों में भाग लेकर भक्त देवी दुर्गा की आराधना करते हैं और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

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