पासपोर्ट नियमों में बदलाव : अब शादी प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं

पासपोर्ट नियमों में बदलाव : अब शादी प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं

11, 8, 2025

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भारत सरकार ने हाल ही में पासपोर्ट संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया है कि अब पासपोर्ट में पति-पत्नी का नाम जोड़ने या वैवाहिक स्थिति बदलने के लिए शादी प्रमाण पत्र (Marriage Certificate) देना अनिवार्य नहीं होगा। अगर पति और पत्नी के नाम दस्तावेज़ों में एक-जैसे हैं, तो केवल एक संयुक्त घोषणा पत्र (affidavit) और अन्य पहचान व पता प्रमाण काफी होंगे।


पहले क्या होता था?

पहले नियम के अनुसार, शादी के बाद यदि कोई व्यक्ति अपने पासपोर्ट में पति या पत्नी का नाम जोड़ना चाहता था, या वैवाहिक स्थिति Single से Married करना चाहता था, तो शादी का पंजीकृत प्रमाण पत्र देना ज़रूरी होता था।

समस्या यह थी कि कई लोग शादी का पंजीकरण तुरंत नहीं कराते। कुछ मामलों में तो शादी प्रमाण पत्र बनवाने में कई हफ्ते या महीने लग जाते थे। इसकी वजह से पासपोर्ट आवेदन अटक जाता था और यात्रा, नौकरी या वीज़ा जैसी ज़रूरी प्रक्रियाएँ भी प्रभावित होती थीं।


अब नया नियम क्या कहता है?

नए नियम के अनुसार:

  • अगर पति और पत्नी के नाम दस्तावेज़ों में मेल खाते हैं, तो शादी प्रमाण पत्र देना ज़रूरी नहीं है।

  • आवेदक केवल एक संयुक्त घोषणा पत्र (self-declaration) दे सकता है, जिसमें दोनों पति-पत्नी के हस्ताक्षर और एक संयुक्त फोटो होगी।

  • पहचान और पता प्रमाण जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पैन कार्ड में यदि नाम सही तरह से मिलते हैं, तो वही पर्याप्त होगा।


इस बदलाव से क्या लाभ होगा?

  1. समय और झंझट कम होगा
    शादी प्रमाण पत्र बनवाने में लगने वाला अतिरिक्त समय अब बचेगा। पासपोर्ट प्रक्रिया तेज़ होगी।

  2. ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को राहत
    कई जगहों पर लोग शादी का पंजीकरण तुरंत नहीं कराते। अब ऐसे लोगों को पासपोर्ट बनवाने में समस्या नहीं होगी।

  3. लचीलापन और आसान प्रक्रिया
    अब केवल एक सर्टिफिकेट पर निर्भरता नहीं रहेगी। दस्तावेज़ों में नाम समान होना ही पर्याप्त होगा।


नाम मिलाने का मतलब क्या है?

  • पति और पत्नी के नामों की वर्तनी (spelling) हर दस्तावेज़ में समान होनी चाहिए।

  • अगर किसी दस्तावेज़ में नाम छोटा या अधूरा लिखा है और दूसरे में पूरा, तो परेशानी आ सकती है।

  • नाम लिखने का तरीका (पहला नाम, उपनाम आदि) भी हर जगह एक-सा होना चाहिए।


पासपोर्ट में नाम या वैवाहिक स्थिति बदलवाने की प्रक्रिया

  1. पासपोर्ट रि-इश्यू (Re-issue) का फॉर्म भरें और बताएं कि आप पति/पत्नी का नाम जोड़ना या वैवाहिक स्थिति बदलना चाहते हैं।

  2. ज़रूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करें:

    • पहचान प्रमाण (आधार, पैन आदि)

    • पता प्रमाण

    • यदि उपलब्ध हो तो ऐसा दस्तावेज़ जिसमें spouse का नाम पहले से हो।

  3. एक संयुक्त घोषणा पत्र बनवाएँ, जिसमें दोनों पति-पत्नी के हस्ताक्षर हों और साथ की फोटो लगी हो।

  4. सभी दस्तावेज़ पासपोर्ट सेवा केंद्र या क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में जमा करें।

  5. ज़रूरत पड़ने पर पुलिस सत्यापन होगा।

  6. सत्यापन पूरा होने के बाद नया पासपोर्ट spouse का नाम और अपडेटेड वैवाहिक स्थिति के साथ जारी हो जाएगा।


किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है?

  • नामों में एक भी अक्षर की गलती या अंतर नहीं होना चाहिए।

  • घोषणा पत्र सही प्रारूप (जैसे Annexure-J) के अनुसार होना चाहिए।

  • फोटो साफ़ और हाल की होनी चाहिए।

  • सभी पहचान और पता प्रमाण वैध व अपडेटेड होने चाहिए।


क्या शादी प्रमाण पत्र बिल्कुल बेकार हो गया है?

नहीं। अगर किसी के पास पहले से शादी प्रमाण पत्र है, तो उसे इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अब यह अनिवार्य दस्तावेज़ नहीं रहा।


यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?

आजकल पासपोर्ट की ज़रूरत बहुत तेज़ी से बढ़ रही है—नौकरी, पढ़ाई, विदेश यात्रा, वीज़ा या बिज़नेस कारणों से। ऐसे में शादी प्रमाण पत्र की अनिवार्यता अक्सर लोगों के लिए बड़ी अड़चन बन जाती थी। इस नियम में बदलाव से आवेदन प्रक्रिया सरल हो जाएगी और आम नागरिकों को बिना अतिरिक्त झंझट के पासपोर्ट मिल सकेगा।


👉 कुल मिलाकर, नया नियम नागरिकों की सुविधा और तेज़ प्रक्रिया की दिशा में एक अहम कदम है। अब पति-पत्नी को केवल नामों की समानता सुनिश्चित करनी होगी और संयुक्त घोषणा पत्र देना होगा। इससे समय भी बचेगा और अनावश्यक कागज़ी कार्यवाही से छुटकारा मिलेगा।

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