राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025: बीसीसीआई की भूमिका और प्रभाव

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025: बीसीसीआई की भूमिका और प्रभाव

11, 8, 2025

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भारत में क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), अब तक अपनी स्वायत्तता और स्वतंत्रता के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन हाल ही में पारित हुए राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 के तहत, बीसीसीआई को भी राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में मान्यता प्राप्त करनी होगी। इस बदलाव से बीसीसीआई की संरचना, कार्यप्रणाली और जवाबदेही में महत्वपूर्ण परिवर्तन अपेक्षित हैं।


बीसीसीआई को क्या करना होगा?

  1. एनएसएफ के रूप में पंजीकरण
    बीसीसीआई को अब राष्ट्रीय खेल बोर्ड के तहत एक राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में पंजीकरण कराना होगा। यह कदम क्रिकेट को 2028 ओलंपिक में शामिल किए जाने के मद्देनजर उठाया गया है, जिससे बीसीसीआई को सरकारी मान्यता प्राप्त होगी।

  2. न्यायिक विवाद समाधान
    बीसीसीआई को अब राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के तहत अपने प्रशासनिक और खिलाड़ी संबंधित विवादों का समाधान करना होगा। यह कदम खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

  3. नैतिकता आयोग और खिलाड़ी समिति का गठन
    बीसीसीआई को अब एक नैतिकता आयोग और एक खिलाड़ी समिति का गठन करना होगा, जो खेलों में नैतिकता और खिलाड़ियों के कल्याण को सुनिश्चित करेंगे।


बीसीसीआई पर लागू होने वाले नए नियम

  1. कार्यकाल और आयु सीमा
    बीसीसीआई के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को अब अधिकतम तीन लगातार कार्यकाल (12 वर्ष) तक ही सेवा देने की अनुमति होगी। इसके बाद उन्हें एक अनिवार्य विश्राम अवधि लेनी होगी। इसके अलावा, इन पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसे अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार 75 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

  2. कार्यकारी समिति में विविधता
    प्रत्येक राष्ट्रीय खेल महासंघ की कार्यकारी समिति में कम से कम चार महिलाएँ और दो उत्कृष्ट खिलाड़ी होने चाहिए। यह कदम खेलों में लैंगिक समानता और खिलाड़ियों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

  3. पारदर्शिता और जवाबदेही
    बीसीसीआई को अब अपनी वित्तीय और प्रशासनिक गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। यह कदम खेलों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाया गया है।


बीसीसीआई को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?

  1. स्वायत्तता में कमी
    बीसीसीआई की स्वायत्तता में कमी आ सकती है, क्योंकि अब उसे सरकारी मान्यता प्राप्त करनी होगी और सरकारी नियमों का पालन करना होगा।

  2. विधानसभा चुनावों में बदलाव
    बीसीसीआई को अब अपने चुनावों को राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल के तहत आयोजित करना होगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया में बदलाव आ सकता है।

  3. नए नियमों के पालन में कठिनाई
    बीसीसीआई को नए नियमों के पालन में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि उसे अपनी संरचना और कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे।


निष्कर्ष

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 के तहत बीसीसीआई को भी अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों के समान नियमों का पालन करना होगा। यह कदम खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिकता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, बीसीसीआई को अपनी स्वायत्तता में कमी और नए नियमों के पालन में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह कदम भारतीय खेलों के विकास और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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