बालोद में जैविक खेती और नैनो यूरिया के उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम

बालोद में जैविक खेती और नैनो यूरिया के उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले में हाल ही में जैविक खेती और नैनो यूरिया के उपयोग पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लाभ और नैनो यूरिया के प्रभावी उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करना था।

जैविक खेती का महत्व

जैविक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग कम से कम किया जाता है। इसमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके मृदा की उर्वरता को बनाए रखा जाता है। जैविक खेती से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है, बल्कि यह किसानों की आय में भी वृद्धि कर सकती है।

नैनो यूरिया: एक नवीनतम तकनीक

नैनो यूरिया एक उन्नत उर्वरक है जिसे भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (IFFCO) द्वारा विकसित किया गया है। यह पारंपरिक यूरिया का एक उन्नत रूप है जिसमें नाइट्रोजन के सूक्ष्म कण होते हैं, जो पौधों द्वारा अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित होते हैं। इससे उर्वरक की खपत कम होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है।

नैनो यूरिया के लाभ

  • कम उर्वरक की आवश्यकता: नैनो यूरिया के उपयोग से पारंपरिक यूरिया की तुलना में कम मात्रा में उर्वरक की आवश्यकता होती है।

  • पर्यावरण की सुरक्षा: इसका उपयोग पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होता है, क्योंकि यह मृदा और जल स्रोतों को प्रदूषित नहीं करता।

  • उत्पादन में वृद्धि: नैनो यूरिया के उपयोग से फसलों की वृद्धि और उत्पादन में वृद्धि होती है।

कार्यक्रम में भागीदारी

कार्यक्रम में जिले के विभिन्न गांवों के किसान, कृषि विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। विशेषज्ञों ने नैनो यूरिया के उपयोग की विधि, इसके लाभ और जैविक खेती की तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए और नैनो यूरिया के उपयोग से संबंधित प्रश्न पूछे।

निष्कर्ष

यह जागरूकता कार्यक्रम बालोद जिले में जैविक खेती और नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है, जो उनकी आय में वृद्धि और पर्यावरण की सुरक्षा में सहायक होती है।

आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि वे अधिक उत्पादन और बेहतर जीवन स्तर प्राप्त कर सकें।

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