बिलासपुर: मंदिर के पास बछड़ा काटते रंगे हाथ पकड़े गए, आरोपी गिरफ्तार

बिलासपुर: मंदिर के पास बछड़ा काटते रंगे हाथ पकड़े गए, आरोपी गिरफ्तार

11, 8, 2025

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बिलासपुर। हिर्री क्षेत्र के धौराभाठा इलाके में स्थित भुलकहा मंदिर के पास एक ग्रामीण को बछड़े का मांस काटते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। पुलिस ने आरोपी को गो-मांस के साथ गिरफ्तार कर लिया है, मामला जानने पर धर्म, कानून और सामाजिक सदभावना से जुड़ी चर्चा छेड़ता है।


घटना का खुलासा

घटना भुलकहा मंदिर मोड़ के पास हुई, जब स्थानीय युवक मनोज कुमार निषाद (22) अपने दोस्त दिलेश्वर यादव के साथ मोबाइल लेने चकरभाठा जा रहे थे। रास्ते में झाड़ियों के पीछे उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति गो-मांस काट रहा है। युवक ने तुरंत विरोध जताया और आरोपी भागने लगा। युवकों ने मिलकर उस व्यक्ति—विदेशी मेहर नामक ग्रामीण—को पकड़ लिया और गो मांस बरामद किया।

गो सेवक भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुँच गए। उन लोगों ने आरोपी को पकड़ने में मदद की। उसके बाद पुलिस को बुलाया गया और आरोपी को गो मांस के साथ हिरासत में ले लिया गया।


कानूनी स्थिति व जांच

पुलिस ने बताया कि हिर्री क्षेत्र पुलिस थाना अंतर्गत आरोपी पर छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह अधिनियम जानवरों की सुरक्षा से जुड़े मामलों को नियंत्रित करता है, विशेषकर गो-मांस, गो-हत्या आदि मामलों में।

पुलिस ने आरोपी का बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बरामद गो-मांस और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। युवकों के मोबाइल से भी संभवतः वीडियो/फोटो सामग्री होगी, जो आगे की कार्रवाई में उपयोगी हो सकती है।


सामाजिक प्रतिक्रिया और दृष्टिकोण

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है। मंदिर परिसर के पास इस तरह की गतिविधि को उन्होंने धार्मिक और सामाजिक विश्वासों के उल्लंघन के रूप में देखा है।

कुछ ग्रामीणों का कहना है कि कानून होना चाहिए, लेकिन उसकी कड़ाई से पालना भी जरुरी है, ताकि माहौल तनावपूर्ण न हो।

गो सेवा संगठन ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि लोग जानवरों के प्रति संवेदनशील हों और गो-मांस के मामले में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों की सूचना दें।


टिप्पणी और देरी की वजह

इस तरह की घटनाएँ अक्सर ग्रामीण इलाकों में होती हैं जहाँ पुलिस पहुँचने में देर होती है या सूचना मिलने पर सामूहिक कार्रवाई मुश्किल होती है।

यह घटना दिखाती है कि यदि स्थानीय समुदाय सतर्क हो और समय रहते कार्रवाई करे, तो ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकती हैं।


भुलकहा मंदिर के पास बछड़े का मांस काटते पकड़े जाने वाला ये मामला सिर्फ कानून का प्रश्न नहीं है, बल्कि सामाजिक मूल्यों, धार्मिक भावनाओं और पशु संरक्षण की जिम्मेदारी का भी मामला है।

आगे की कार्रवाई इस तथ्य पर निर्भर करेगी कि आरोपी के खिलाफ सबूत कितने ठोस मिलते हैं, और कितनी शीघ्रता से न्यायालय प्रक्रिया पूरी होती है।

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