बिलासपुर में बिजली विभाग की लापरवाही से तीन कर्मचारी झुलसे: एक की हालत गंभीर

बिलासपुर में बिजली विभाग की लापरवाही से तीन कर्मचारी झुलसे: एक की हालत गंभीर

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के ग्राम पंचायत हसौद में ट्रांसफॉर्मर मेंटेनेंस के दौरान बिजली विभाग की लापरवाही से तीन कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।


🛠️ घटना का विवरण

ग्राम पंचायत हसौद के वार्ड क्रमांक एक में ट्रांसफॉर्मर मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा था। इस कार्य में ठेका श्रमिक महासिंह (40 वर्ष), रामकुमार यादव (25 वर्ष) और मनीष (26 वर्ष) शामिल थे। ये कर्मचारी खंभे पर चढ़े हुए थे, तभी अचानक 11 केवी की तार से विद्युत प्रवाह हो गया, जिससे तीनों कर्मचारी करंट की चपेट में आ गए और गंभीर रूप से झुलस गए।


🏥 उपचार और स्थिति

घायलों को तत्काल हसौद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन वहां ताला लगा हुआ था और कोई डॉक्टर या स्टाफ मौजूद नहीं था। स्थानीय लोगों ने फोन करके कर्मचारियों को बुलाया, जिसके बाद लगभग एक घंटे के इंतजार के बाद घायलों को प्राथमिक उपचार मिला। रामकुमार यादव की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि महासिंह और मनीष की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। उन्हें बेहतर उपचार के लिए जांजगीर चांपा जिला अस्पताल भेजा गया है।


⚖️ पुलिस और विभागीय कार्रवाई

घटना के बाद हसौद थाने में बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बिजली विभाग के अधिकारी एई छत्रपाल दीवान ने कहा कि उन्हें जानकारी देर से मिली है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा।


🔌 सुरक्षा मानकों की अनदेखी

यह घटना बिजली विभाग की सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करती है। 11 केवी की तार से विद्युत प्रवाह होने के बावजूद उसे बंद नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों की जान जोखिम में पड़ी। ऐसी लापरवाही से न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, बल्कि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगते हैं।


🧠 निष्कर्ष

बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हुई इस घटना ने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उच्च अधिकारियों को इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, विभाग को अपनी कार्यप्रणाली और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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