बिलासपुर में हाईवे पर स्टंट करने वालों के खिलाफ हाई कोर्ट की सख्त कार्रवाई

बिलासपुर में हाईवे पर स्टंट करने वालों के खिलाफ हाई कोर्ट की सख्त कार्रवाई

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर-मस्तूरी रोड पर खतरनाक स्टंट करते हुए 18 कारों की जब्ती के मामले में पुलिस की कार्रवाई को 'सिर्फ दिखावा' बताते हुए कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि गरीब, मध्यम वर्गीय और कमजोर लोगों पर तो पुलिस सख्ती से डंडा चलाती है, लेकिन जैसे ही मामला अमीर, दबंग या राजनीतिक रसूख वाले लोगों से जुड़ता है, पुलिस अधिकारी 'बिना दांत के बाघ' बन जाते हैं।


🛣️ घटना का विवरण

10 सितंबर को कुछ युवक लावर गांव स्थित फार्म हाउस में जन्मदिन पार्टी मनाने जा रहे थे। उन्होंने नेशनल हाईवे-49 पर कारों की खिड़की और सनरूफ से बाहर लटककर खतरनाक स्टंट किए। तेज रफ्तार में लापरवाही से गाड़ियां चलाने के कारण सड़क पर जाम लग गया और अन्य राहगीरों की जान जोखिम में आ गई। 17 सितंबर को राहगीरों ने इसका वीडियो बनाकर पुलिस को भेजा था।


⚖️ हाई कोर्ट की फटकार

हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई को 'सिर्फ दिखावा' बताते हुए कहा कि मामूली जुर्माना लेकर गाड़ियां छोड़ दी जाती हैं और आरोपित आसानी से छूट जाते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि जब तक कोर्ट आदेश नहीं देगा तब तक जब्त की गई गाड़ियां नहीं छोड़ी जाएंगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई महज औपचारिक है और इसे प्रभावी बनाना चाहिए।


🧾 पुलिस की कार्रवाई

हाई कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। सड़क पर और कार की खिड़की पर बैठकर उधम मचाने वालों के खिलाफ एक ड्राइवर रविंद्र सोनी (34) ने शिकायत की है। शिकायत पर पुलिस की टीम फार्म हाउस पहुंची थी। पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने निहाल, आकाश श्रीवास्तव, पवन यादव, आदर्श भेड़िया, प्रियांशु बकसेल, लक्ष्य खोब्रागढ़े, लक्ष्य दास, साहिल बेरिया, कृष तिवारी, शुभम दुबे, अमिन श्रीवास्तव, मोनू गुप्ता, विवेक शर्मा, रिंकू श्रीवास्तव, सत्यजीत केशरवानी, चीकू सोनी और सुशांत सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।


📅 अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को तय की है और आदेश की प्रति तत्काल मुख्य सचिव को भेजने को कहा है। इस तरह कोर्ट ने साफ कर दिया कि अब सड़क पर जानलेवा स्टंट और गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ कड़ी और नजीर बनाने वाली कार्रवाई ही होगी, चाहे वे किसी भी रसूख या हैसियत वाले क्यों न हों।


🧠 निष्कर्ष

यह घटना यह दर्शाती है कि सड़क पर स्टंट और गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी और पुलिस की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि अब ऐसे अपराधियों के खिलाफ प्रभावी और उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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