कोरबा में सांप के काटने से पिता-पुत्र की मौत, मां की हालत गंभीर: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल

कोरबा में सांप के काटने से पिता-पुत्र की मौत, मां की हालत गंभीर: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल

11, 8, 2025

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कोरबा जिले के गोपालपुर क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें एक परिवार के तीन सदस्य सांप के काटने से प्रभावित हुए। इस घटना में पिता और पुत्र की मौत हो गई, जबकि मां की हालत गंभीर बनी हुई है। स्वजनों ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।


🐍 घटना का विवरण

गोपालपुर के इंदिरा नगर में रहने वाले चूड़ामणि भारद्वाज (52), उनकी पत्नी रजनी (41) और 10 वर्षीय पुत्र प्रिंस एक ही कमरे में सो रहे थे। रात लगभग चार बजे के आसपास करैत सांप ने इन तीनों को डस लिया। सपने में सांप को देखकर रजनी की नींद खुली, और उसने देखा कि बिस्तर पर सांप रेंग रहा था। इससे घर में हड़कंप मच गया।


🏥 अस्पताल में लापरवाही

परिवार के सदस्य तुरंत तीनों को गोपालपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। हालांकि अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम (ASV) उपलब्ध था, लेकिन ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी ने बिना देखे ही उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। परिवार के सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि अगर समय पर एंटी स्नेक वेनम दिया जाता, तो पिता और पुत्र की जान बच सकती थी।


⚖️ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) एसएन केसरी ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि एनएचएम स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल के कारण कुसमुंडा की एक महिला कर्मी को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गोपालपुर स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कर्मचारी ने पीड़ितों को देखे बिना ही उन्हें रेफर कर दिया, जबकि उन्हें एंटी स्नेक वेनम देना चाहिए था। उन्होंने इसे लापरवाही मानते हुए जांच और कार्रवाई की बात कही है।


📊 जिले में सर्पदंश की स्थिति

कोरबा जिले में हर साल सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि देखी जाती है, खासकर मानसून के दौरान। जुलाई से अक्टूबर के बीच करैत और कोबरा जैसे विषैले सांपों के काटने से कई मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता का दावा किया जाता है, लेकिन इस घटना ने विभाग की तैयारियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।


🧠 निष्कर्ष

यह घटना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिसमें समय पर उपचार न मिलने के कारण दो लोगों की जान चली गई। स्वास्थ्य विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए और एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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