कोरबा में 'मरा हुआ' युवक अंतिम संस्कार से पहले लौटा, लोग बोले 'भूत-भूत'

कोरबा में 'मरा हुआ' युवक अंतिम संस्कार से पहले लौटा, लोग बोले 'भूत-भूत'

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक को मृत समझकर अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, तभी वह अचानक जीवित लौट आया। इस घटना ने न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले में हड़कंप मचा दिया।


🧭 घटना का विवरण

कोरबा के गेवरा बस्ती विश्रामपुर निवासी 27 वर्षीय हरिओम वैष्णव 5 सितंबर को अपनी पत्नी को ससुराल छोड़ने के बाद से लापता हो गए थे। परिवार ने उनकी तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच, 8 सितंबर को बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र के डंगनिया नदी में एक शव मिला, जिसे हरिओम का मानकर परिवार ने पहचान लिया। शरीर पर "R" अक्षर का टैटू और समान कपड़े देखकर परिवार ने उसे हरिओम का शव मान लिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया।


🕯️ अंतिम संस्कार की तैयारी

9 सितंबर को परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी शुरू की। रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग शोक में डूबे हुए थे। इसी बीच, रात के समय हरिओम अचानक घर लौट आए। उन्हें देखकर लोग चिल्लाए, "भूत-भूत", और डर के मारे भागने लगे। लेकिन जब लोगों ने उन्हें पहचान लिया, तो राहत की सांस ली।


🗣️ हरिओम का बयान

हरिओम ने बताया कि वह परिवारिक विवाद के कारण बिना बताए कहीं चले गए थे। उनका इरादा आत्महत्या का नहीं था, बल्कि वह कुछ समय के लिए घर से दूर रहना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह जीवित हैं और किसी प्रकार की दुर्घटना का शिकार नहीं हुए।


🕵️‍♂️ पुलिस की कार्रवाई

कोरबा CSP विमल कुमार पाठक ने बताया कि नदी से मिला शव हरिओम का नहीं था। शिनाख्त में गलती हुई थी। अब पुलिस उस शव की पहचान करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि यह मामला एक बड़ी चूक का परिणाम था, और पुलिस जल्द ही सही जानकारी सामने लाएगी।


🧠 निष्कर्ष

यह घटना यह दर्शाती है कि कभी-कभी पहचान में गलती हो सकती है, और किसी की मृत्यु की पुष्टि करने से पहले सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए। साथ ही, परिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए संवाद और समझदारी की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अप्रत्याशित घटनाओं से बचा जा सके।

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