“कुम्हारी से अंजोरा तक: पैदल यात्रियों के लिए बनेगा विशेष कॉरिडोर”

“कुम्हारी से अंजोरा तक: पैदल यात्रियों के लिए बनेगा विशेष कॉरिडोर”

11, 8, 2025

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दुर्ग-भिलाई इलाके में पैदल चलने वालों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है: कुम्हारी से अंजोरा तक पैदल यात्रियों के लिए एक विशेष कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु और दैनिक यात्री सुरक्षित रूप से पैदल मार्ग पर चल सकेंगे, भीड़-भाड़ और ट्रैफिक की परेशानी से बचेंगे।

क्यों ज़रूरी है यह कॉरिडोर

  1. पैदल यात्रियों की सुरक्षा
    इस मार्ग पर कई लोग रोज़ पैदल आ-जा करते हैं — श्रद्धालु, विद्यार्थी, कामकाजी लोग। पर वाहन-ट्रैफिक, गति और सड़क की स्थिति की वजह से खतरा रहता है।

  2. यातायात व्यवस्था की खराबी और भीड़भाड़
    खासकर त्योहारों और विशेष अवसरों पर, अंजोरा-कुम्हारी मार्ग पर लोगों की भारी भीड़ लगती है। वाहनों की आवाज़-गुज़र से घरों के आस-पास का जीवन प्रभावित होता है।

  3. श्रद्धा व सामाजिक कारण
    यहाँ पर अक्सर लोग पैदल यात्रा करते हुए मंदिरों या धार्मिक स्थानों की ओर जाते हैं। इस तरह के कॉरिडोर से उनका फोकस यात्रा में श्रद्धा पर रहेगा, ना कि सड़क की स्थिति या ट्रैफिक डर पर।

क्या होगा नया कॉरिडोर?

  • समर्पित मार्ग: ऐसी सड़क व्यवस्था जहाँ पैदल चलने वालों के लिए अलग लेन होगी, जहाँ वाहन नहीं घुसेंगे।

  • 24 घंटे पेट्रोलिंग: सुरक्षा बनाए रखने के लिए दिन-रात पेट्रोलिंग होगी। जिससे कोई भी असामान्य स्थिति जल्दी पकड़ाई जा सके। 

  • यातायात पुलिस की सतर्कता: अगले नौ दिनों तक यातायात पुलिस विशेष रूप से अलर्ट मोड में रहेगी ताकि कॉरिडोर निर्माण और उसके बाद के ट्रैफिक प्रवाह को सुचारू बनाया जा सके। 

अपेक्षित प्रभाव

  • पैदल यात्रियों को घायल होने या दुर्घटना होने का खतरा कम होगा।

  • धार्मिक आयोजनों के समय लोगों की भीड़ को नियंत्रित करना आसान होगा।

  • आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन थोड़ा सहज बनेगा — आवाज़-शोर कम होगा, वातावरण शांत होगा।

  • ट्रैफिक जामों में कमी आयेगी क्योंकि पैदल लोग गाड़ियों के बीच नहीं चलेंगे, और वाहन-पथ अलग रहने से व्यवस्था बेहतर होगी।

चुनौतियाँ और संभावित समस्याएँ

  • कॉरिडोर बनाने में जगह चयन और ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया समय ले सकती है।

  • निर्माण के दौरान अस्थायी असुविधाएँ होंगी — धूल-मिट्टी, ट्रैफिक परिवर्तन, मार्ग बंद होना आदि।

  • बाद में रख-रखाव (maintenance) की जिम्मेदारी किसकी होगी, इसका स्पष्ट प्रबंधन चाहिए।

वर्तमान स्थिति

  • अभी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि कॉरिडोर की योजना बन रही है और उसके लिए तैयारी शुरू होगी। 

  • यातायात पुलिस ने कहा है कि अगले नौ दिनों तक विशेष अलर्ट रहेगा, ताकि कॉरिडोर के निर्माण का असर-प्रभाव और मार्ग पारगम्यता ठीक से आंका जा सके। 

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