24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी: बस्तर से सरगुजा तक बरसेगा पानी

24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी: बस्तर से सरगुजा तक बरसेगा पानी

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ में मानसून की वापसी के धमाकेदार संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग ने बस्तर और सरगुजा डिवीजन के कई जिलों में अगले 24 घंटे के अंदर भारी बारिश और तूफानी गतिविधियों की चेतावनी जारी की है। कुल मिलाकर 16 जिले प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। मौसम सामान्य स्थिति में बाकी इलाकों पर बनी रहेगी, लेकिन निचले इलाकों और नदियों के किनारों पर रहने वालों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश हैं। 


किन जिलों को है खतरा?

मौसम अनुमान के अनुसार, मुख्य रूप से बस्तर और सरगुजा डिवीजन के जिलों में बारिश की तीव्रता अधिक हो सकती है। स्थान-विशेष पर तूफान, गरज-चमक और तेज हवा की आशंका भी है। जिन इलाकों में विशेष सतर्कता की जरूरत है, उनमें:

  • निचले इलाकों (वाटरलॉग क्षेत्रों)

  • नदी-तटवर्ती इलाके

  • जंगल या झाड़ियों से घिरे ग्रामीण क्षेत्र

उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चाहिए कि वे बाहर निकलते समय मौसम की सूचना ध्यान से देखें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। 


मौसम विभाग की जानकारी

  • चेतावनी अगले 24 घंटे की है, यानी आज से अगले एक दिन के भीतर बारिश, बूंदाबांदी, तूफानी वायु तथा गरज-चमक हो सकती है। 

  • बारिश की संभावना के चलते कुछ इलाकों में पानी भरने की समस्या हो सकती है, खासकर नालों-नदियों के पास।


संभावित प्रभाव

यह मौसम अपडेट निम्नलिखित तरह से प्रभावित कर सकता है:

  1. सड़क यातायात प्रभावित होगा
    तेज बारिश और तूफानी हवाओं की वजह से सड़कें फिसल सकती हैं, दृश्यदायित्व कम हो सकता है, जिससे वाहन दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।

  2. घरों और कृषि को नुकसान
    खेतों में पानी भरने से फसलें प्रभावित होंगी। कमजोर मकानों और झुग्गियों को भी जोखिम हो सकता है।

  3. बिजली व संचार बाधा
    हवा-तूफान बिजली लाइनों को झटका दे सकते हैं; पेड़ों के गिरने से बिजली कटौती या मोबाइल नेटवर्क में बाधा आ सकती है।

  4. स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ
    बारिश और गीला मौसम मच्छरों-कीटों की वृद्धि कर सकता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही उन्हें, जिन्हें सांस संबंधी समस्या हो, हो सकती है मुश्किलें।


क्या करें बचाव के लिए?

  • बारिश की सूचना पाने के लिए स्थानीय मौसम अपडेट नियमित देखें।

  • किसी तरह की चेतावनी जारी हो तो पहले ही सुरक्षित ठिकाने की तैयारी करें।

  • बाहर जाते समय छाता, रेनकोट आदि साथ रखें।

  • नदी-नाले के किनारे जाने से बचें।

  • बिजली गिरने के समय पेड़ों के नीचे न हों; सुरक्षित इमारतों या घर में रहना बेहतर।

  • जरूरत हो तो स्थानीय प्रशासन या आपदा प्रबंधन विभाग की सलाह मानें।


निष्कर्ष

मौसम विभाग की चेतावनी इस बात की याद दिलाती है कि प्रकृति कभी भी अप्रत्याशित हो सकती है। बस्तर-सरगुजा जैसे क्षेत्र जहाँ जंगल है, नदियाँ हैं, मौसम बदलने पर प्रभाव जल्दी होता है, वहाँ रहते लोगों को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए।

इन 24 घंटों में बारिश का जोर महसूस हो सकता है, लेकिन यह अवधि समय-समय पर राहत और सुरक्षा के नजरिए से भी ज़रूरी है — भूजल बढ़ेगा, वातावरण ठंडा होगा, और कुछ इलाकों में सूखे का असर थोड़ी राहत पा सकता है।

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