छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ शांति प्रयासों को एक और झटका लगा है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ शांति प्रयासों को एक और झटका लगा है।

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ शांति प्रयासों को एक और झटका लगा है। नक्सलियों की केंद्रीय समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने सोमवार को जारी संयुक्त प्रेस नोट में स्पष्ट किया है कि वे हथियार नहीं छोड़ेंगे और शांति वार्ता की संभावनाओं को खारिज कर दिया है 


🔴 नक्सलियों का बयान

नक्सलियों ने अपने बयान में कहा है कि जब तक सरकार उनके खिलाफ सैन्य अभियान बंद नहीं करती और उनके नेता जेलों से रिहा नहीं होते, तब तक वे शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से शांति की कोई गंभीर पहल नहीं की गई है, जिससे वार्ता की संभावना समाप्त हो गई है।


🛑 सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने नक्सलियों के इस बयान को खारिज करते हुए कहा है कि शांति वार्ता के लिए सरकार हमेशा तैयार है, लेकिन इसके लिए नक्सलियों को हिंसा छोड़नी होगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास दिखाना होगा।


📉 सुरक्षा स्थिति पर असर

नक्सलियों के इस बयान से राज्य की सुरक्षा स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान से न केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई प्रभावित होती है, बल्कि स्थानीय जनता में भी असुरक्षा की भावना बढ़ती है।


✅ निष्कर्ष

नक्सलियों का यह बयान शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि सरकार ने शांति वार्ता के लिए अपनी तत्परता जताई है, लेकिन नक्सलियों की हिंसा जारी रहने से स्थिति जटिल बनी हुई है। ऐसे में, दोनों पक्षों को आपसी विश्वास और समझ के साथ शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।



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