अंबिकापुर: डॉ. निरेंद्र ने जिले के अधिकारियों को तहसील इकाइयों का नियमित दौरा करने की दी सलाह

अंबिकापुर: डॉ. निरेंद्र ने जिले के अधिकारियों को तहसील इकाइयों का नियमित दौरा करने की दी सलाह

11, 8, 2025

10

image

अंबिकापुर। जिले के प्रशासनिक सुधार और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए डॉ. निरेंद्र ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी-अपनी तहसील इकाइयों का नियमित दौरा करें। उन्होंने कहा कि इस तरह का दौरा प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने और नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने में सहायक होगा।

डॉ. निरेंद्र ने यह सुझाव हाल ही में आयोजित एक समीक्षा बैठक में दिया, जिसमें जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे सिर्फ कार्यालयों में बैठकर रिपोर्ट भरने तक सीमित न रहें, बल्कि सीधे क्षेत्रीय स्तर पर जाकर जनता की समस्याओं और आवश्यकताओं का जायजा लें।

उन्होंने कहा कि तहसील इकाइयों में विभिन्न विभागों के कार्यों की नियमित निगरानी से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार या विलंब जैसी समस्याओं को रोकने में मदद मिलेगी। उनका मानना है कि अधिकारियों का स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहना जनता के विश्वास को बढ़ाएगा और सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा।

डॉ. निरेंद्र ने यह भी कहा कि अधिकारियों को जनता के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए और उनकी समस्याओं को सुनकर त्वरित समाधान के उपाय ढूंढने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे प्रत्येक तहसील इकाई में कम से कम महीने में एक बार जाकर निरीक्षण करें और क्षेत्रीय रिपोर्ट तैयार करें।

विशेषज्ञों का कहना है कि तहसील इकाइयों का नियमित दौरा प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक प्रभावी कदम है। इससे न केवल जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि अधिकारी भी जमीन पर चल रहे कार्यों और समस्याओं की सही जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, अधिकारियों की सक्रियता से स्थानीय प्रशासन की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी।

स्थानीय नागरिकों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अक्सर प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति केवल कार्यालयों तक ही सीमित रहती है, जिससे क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान देर से होता है। डॉ. निरेंद्र के सुझाव से उम्मीद जताई जा रही है कि अब अधिकारी सीधे गांव, शहर और तहसील स्तर पर जाकर लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और उनका त्वरित समाधान करेंगे।

डॉ. निरेंद्र ने अधिकारियों से यह भी कहा कि उन्हें सिर्फ समस्याओं का समाधान करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि तहसील स्तर पर नई योजनाओं और नीतियों के प्रभाव की भी निगरानी करनी चाहिए। उनका मानना है कि इससे नीतियों का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा और जनता को उनकी योजनाओं का वास्तविक लाभ मिलेगा।

बैठक में अधिकारियों ने इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि वे तहसील इकाइयों के नियमित दौरे सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से प्रशासन और जनता के बीच विश्वास बढ़ेगा और क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के निरीक्षण और दौरे सरकारी कार्यों में जवाबदेही बढ़ाते हैं। अधिकारी यदि स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहेंगे, तो उन्हें समस्या के मूल कारणों का पता चलेगा और उनका समाधान जल्दी किया जा सकेगा। इससे प्रशासनिक प्रणाली अधिक जवाबदेह और परिणामोन्मुखी बनेगी।

डॉ. निरेंद्र के सुझावों के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में तहसील इकाइयों में अधिकारियों की उपस्थिति बढ़ेगी और यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं और सेवाओं के प्रभाव को मजबूत करेगी। इससे जनता को सरकारी तंत्र में विश्वास बढ़ेगा और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा।

संक्षेप में, डॉ. निरेंद्र का यह पहल प्रशासनिक सुधार, जनता की सेवा और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके निर्देशों का पालन करने से न केवल अधिकारियों की सक्रियता बढ़ेगी, बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान समय पर और प्रभावी रूप से होगा। यह कदम अंबिकापुर जिले में प्रशासनिक दक्षता और उत्तरदायित्व की नई मिसाल कायम कर सकता है।

Powered by Froala Editor