अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि के आगमन के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है।

अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि के आगमन के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है।

11, 8, 2025

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अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि के आगमन के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है। मिट्टी के दीये, कलश और अन्य पूजा सामग्री की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे स्थानीय कुम्हारों और दुकानदारों को लाभ हो रहा है। यह बदलाव न केवल धार्मिक उत्साह को दर्शाता है, बल्कि स्थानीय व्यापार के पुनर्जीवन का भी प्रतीक है।

नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु विशेष रूप से मिट्टी के दीये और कलश की खरीदारी करते हैं, जो पूजा की अनिवार्य सामग्री मानी जाती हैं। इस बार, बाजारों में इन वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ी है, और दुकानदारों ने विशेष रूप से इनकी सजावट और पैकिंग पर ध्यान दिया है। स्थानीय कुम्हारों ने भी अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार किया है, जिससे ग्राहकों का आकर्षण बढ़ा है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस बार की नवरात्रि में बाजारों में पहले की तुलना में अधिक भीड़ है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग पूजा सामग्री खरीदने के लिए शहर आ रहे हैं, जिससे व्यापार में वृद्धि हुई है। दुकानदारों ने बताया कि विशेष रूप से मिट्टी के दीये और कलश की बिक्री में वृद्धि हुई है, जो इस बात का संकेत है कि लोग पारंपरिक पूजा विधियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस उत्साहवर्धक दृश्य से यह स्पष्ट होता है कि अंबिकापुर में शारदीय नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय व्यापार और संस्कृति के पुनर्जीवन का भी संकेत है। बाजारों में बढ़ती रौनक और व्यापारियों की संतुष्टि इस बात की पुष्टि करती है कि लोग अपनी परंपराओं को जीवित रखने के लिए तत्पर हैं।

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