गांव के विकासकर्ता को सात चुनौतियों के बीच सातवीं बार मिली सरपंच की कुर्सी

गांव के विकासकर्ता को सात चुनौतियों के बीच सातवीं बार मिली सरपंच की कुर्सी

11, 8, 2025

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बस्तर, छत्तीसगढ़ – एक छोटे-से गाँव के सरपंच ने इतना भरोसा पक्का कर लिया है कि गाँव के लोग लगातार सात बार उन्हें सरपंच बनाते आ रहे हैं। यह कहानी सिर्फ जीत की नहीं, बल्कि विकास, सेवा और जनता-सेवा की भी है।


कौन है ये सरपंच और कहां है गाँव?

यह घटना बस्तर जिले के एक गाँव की है, जहाँ इस सरपंच ने लगातार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने के कारण वर्षों से नेतृत्व संभाला है। गाँव के लोग उन पर भरोसा करते हैं कि उनके सुनिए उद्देश्य सिर्फ पद पाने का नहीं, बल्कि गाँव को सशक्त, समर्थ और ज्यादा विकसित बनाने का है।


विकास कार्यों का रिकॉर्ड

सरपंच बनने का जो कारण सबसे ज़्यादा गूंज रहा है, वह है उनके द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्य:

  • गाँव में सड़कें सुधारी गईं, जिससे धूल-मिट्टी और पानी भरने की समस्या कम हुई है।

  • बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था हुई है; गाँव-घर नलों से पानी पहुंचने लगा है।

  • स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में सुधार हुआ है — स्कूलों को बेहतर अवकाश समय, किताबें-आशय सामग्रियाँ मिलीं।

  • सार्वजनिक स्थानों जैसे मंदिर, गांव चौक आदि की साफ-सफाई, सार्वजनिक बुनियादी सुविधाओं की मरम्मत, सामुदायिक हॉल आदि बनाए गए।

  • सामाजिक न्याय और पंचायत के काम-काज में पारदर्शिता बढ़ी। लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हुई।

इन सब कारणों से गाँव वालों ने बार-बार चुनाव में इस सरपंच को चुनना बेहतर समझा।


चुनौतियाँ और कड़ी मेहनत

हालाँकि लगातार जीत का मतलब आसान रास्ता नहीं:

  • कभी मौसम की मार, कभी संसाधन-पानी या बजट की कमी- ये सामान्य समस्याएँ रहीं।

  • कभी पारिवारिक राजनीति, कभी विरोधी उम्मीदवारों की प्रतिस्पर्धा — हर बार चुनौतियाँ थीं।

  • ग्राम सभा की बैठकों में लोगों की शिकायतें सुनना और समाधान करना भी कठिन काम रहा है।

लेकिन सरपंच ने उन चुनौतियों को ध्यान से लिया और लगातार काम करते रहे।


जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया

गाँववासी उनके काम से संतुष्ट हैं। वृद्धों ने कहा कि “पहले हमें रात को बिजली नहीं मिलती थी, पानी दूर जाना पड़ता था, अब सब सुधर गया है।” माता-पिता कहती हैं कि स्कूल में बच्चों को बेहतर पढ़ाई, किताबें, सफाई आदि सुविधाएँ मिलती हैं। Молодे कहते हैं कि उम्मीद है कि भविष्य में और बेहतरीन सुधार होंगे।


सामने कुछ सुझाव और उम्मीदें

गाँववासी और पर्यवेक्षक चाहते हैं कि इस जीत को सिर्फ सिलसिला न माना जाए, बल्कि भविष्य में:

  • और बहु-पक्षी विकास योजनाएँ लाई जाएँ, जैसे कि कृषि सहायता, ऋण सुविधा, सिचाई व्यवस्था।

  • युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाए जाएँ।

  • पंचायत व्यवस्था में और पारदर्शिता हो — खर्च-खाता खुला हो, निर्णयों में सभी का योगदान हो।

  • महिला-सशक्तिकरण को और आगे बढ़ाया जाए, ताकि महिला पंचायत और नेतृत्व में हिस्सेदारी बढ़े।


निष्कर्ष

सात बार सरपंच बने रहने का मतलब ये है कि गाँव के लोगों ने बार-बार यह आकलन किया कि उन्होंने भरोसा किया, और सरपंच ने साबित किया। यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है — यह गाँव के विकास, जन-समर्थन, और सेवा की भावना की है।

यदि बाकी गाँव भी इस मॉडल को अपनाएँ — जहाँ नेता सिर्फ वादे नहीं करते बल्कि काम करके दिखाते हैं — तो छत्तीसगढ़ का ग्रामीण विकास और मजबूत होगा।

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