पेंड्रा में अग्रसेन जयंती पर उमड़ा उत्साह — शोभायात्रा से लेकर मैराथन तक कई कार्यक्रम, रक्तदान शिविर भी लगा

पेंड्रा में अग्रसेन जयंती पर उमड़ा उत्साह — शोभायात्रा से लेकर मैराथन तक कई कार्यक्रम, रक्तदान शिविर भी लगा

11, 8, 2025

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गौरेला-पेंड्रा, छत्तीसगढ़ — सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन चुकी अग्रसेन जयंती पर पेंड्रा में इस साल धूमधाम से समारोह हुआ। विभिन्न आयोजनों के जरिए लोगों ने इस मौके को खास बनाया — शोभायात्रा निकाली गयी, मैराथन हुई, और साथ ही रक्तदान शिविर जैसे सेवा समर्पित कार्यक्रम आयोजित किए गए। 


आयोजन की झलकियाँ

  • सुबह-सुबह नगरवासियों ने शोभायात्रा निकाली, जिसमें रंग-बिरंगी झांकियाँ, गीत, भजन और मान-सम्मान कार्यक्रम शामिल थे। 

  • समाज के युवाओं ने मैराथन दौड़ का आयोजन किया, जिसका मकसद न सिर्फ जयंती की खुशी में भागीदारी बढ़ाना था बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को भी प्रोत्साहित करना था। 

  • उसी दिन रक्तदान शिविर भी लगाया गया, जहाँ कई लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानव सेवा का योगदान दिया।


सामाजिक महत्त्व

इस तरह के आयोजनों का महत्व सिर्फ उत्सव मनाने तक सीमित नहीं है। ये पहलें लोग-समाज, समुदाय और संस्कृति को जोड़ने का काम करती हैं। अग्रसेन जयंती जैसे कार्यक्रमों से व्यक्ति, युवा और बुजुर्ग एक साथ मिलते हैं, भाईचारे और सहायता की भावना जगती है।

पेंड्रा समेत गौरेला इलाके में अग्रसेन जयंती की मान्यता और उत्सव ने इस बात को दर्शाया है कि लोग अपने पूर्वजों की परंपराओं को याद रखना चाहते हैं और उनके आदर्शों पर चलना चाहते हैं — जैसे कि समाज सेवा, समानता, और सद्भावना।


लोगों की प्रतिक्रियाएँ

  • प्रतिभागियों ने कहा कि शोभायात्रा और मैराथन ने पूरे शहर में उत्साह भर दिया। “इतना सहयोग और उमंग पहले कभी नहीं देखा गया,” एक नागरिक ने कहा।

  • रक्तदान शिविर वालों ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि इस तरह की सामाजिक गतिविधियों से लोगों में जागरूकता और सेवा की भावना बढ़ती है।

  • आयोजकों ने आशा जताई कि यह उत्सव आने वाले वर्षों में और बड़ा होगा और शहर के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के कार्यक्रम हों।


चुनौतियाँ और सुझाव

  • हालांकि कार्यक्रम सफल थे, कुछ लोगों ने कहा कि आयोजन स्थल पर बैठने-विश्राम की व्यवस्था कम थीं, पानी की सुविधा बेहतर हो सकती थी।

  • मैराथन मार्ग पर सुरक्षा और मार्ग चिह्नों की व्यवस्था कुछ और बेहतर होनी चाहिए थी ताकि दौड़ में भाग लेने वालों को कोई असुविधा न हो।

  • भविष्य में आयोजकों को शहर-नगरपालिका और प्रशासन से और बेहतर समन्वय करना चाहिए ताकि संसाधनों का सही उपयोग हो सके।


निष्कर्ष

पेंड्रा में इस अग्रसेन जयंती उत्सव ने दिखाया कि किस तरह से संस्कृति, समाज सेवा और सामूहिक भागीदारी मिलकर उत्सव को यादगार बना देते हैं। शोभायात्रा, मैराथन, रक्तदान शिविर — ये सब मिलकर सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं बने, बल्कि लोगों को प्रेरित करने वाले आयोजन बने।

अगर ऐसे आयोजन नियमित हों, साथ ही उनमें लोगों की भागीदारी बढ़े तो अगली बार ये और भी भव्य हो सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं।

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