कोरबा: स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को मिलेगा 50% आरक्षण — पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने प्रस्तावित किया बड़ा कदम

कोरबा: स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को मिलेगा 50% आरक्षण — पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने प्रस्तावित किया बड़ा कदम

11, 8, 2025

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कोरबा, छत्तीसगढ़ — राज्य सरकार ने स्थानीय निकाय (local bodies) के चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 50% आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग (Backwards Classes Welfare Commission) द्वारा कोरबा जिले में किए गए सर्वेक्षण की समीक्षा के बाद सामने आया है। 


प्रस्ताव की पृष्ठभूमि

  • पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष आर. एस. विश्वकर्मा ने बताया कि ओबीसी वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं जिनमें प्रतिनिधित्व बढ़ाना शामिल है। 

  • आयोग ने यह समीक्षा हुई कि कितनी आबादी ओबीसी समुदाय की है और उनका स्थानीय निकायों में राजनीतिक प्रतिनिधित्व कितना है। इस आंकलन के आधार पर सरकार इस बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। 


प्रस्तावित बदलाव

  • प्रस्ताव में कहा गया है कि स्थानीय पंचायतों, नगरपालिकाओं और अन्य स्थानीय निकायों में ओबीसी समुदाय को कुल निर्वाचन सीटों में 50% तक आरक्षण मिलेगा। 

  • यदि यह लागू हुआ, तो यह कदम ओबीसी समुदाय को राजनीतिक भागीदारी का अवसर अधिक देने वाला है। 


संभावित प्रभाव

  • इस आरक्षण से ओबीसी परिवारों को सरकारी योजनाएँ, विकास कार्यों में हिस्सेदारी और स्थानीय प्रशासन में आवाज़ मिलेगी।

  • राजनीति में विविधता बढ़ेगी, जिससे नीति निर्माण में सभी वर्गों के मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा।

  • इससे सामाजिक न्याय और राजनीतिक समानता के सिद्धांत को बल मिलेगा, विशेषकर उन इलाकों में जहाँ पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व कम रहा है।


चुनौतियाँ और सवाल

  • आरक्षण लागू होने के बाद सीटों के बंटवारे, निर्वाचन क्षेत्रों की पुनर्सीमा (delimitation), और ऐतिहासिक SC/ST आरक्षण से कुल आरक्षण प्रतिशत कैसे संभाला जाएगा — ये मामले संवैधानिक सीमा के अंदर रखें जाने चाहिए ताकि कुल आरक्षण 50% से ज़्यादा न हो।

  • ओबीसी आरक्षण के अंदर “क्रीमी लेयर” (creamy layer) की भूमिका, चयन प्रक्रिया, और समुदायों की सही पहचान करना जरूरी होगा।

  • प्रशासनिक और चुनाव आयोग स्तर पर इस बदलाव को लागू करने के लिए नियमों में संशोधन, लॉजिस्टिक्स और महिलाओं सहित अन्य अल्पसंख्यक समूहों को भी ध्यान में रखना होगा।


वर्तमान स्थिति और सरकार की भूमिका

  • अभी यह प्रस्ताव है, किसी अधिकारिक अधिसूचना या कानून संशोधन का आदेश नहीं हुआ है। सरकार और आयोग इस विषय पर विचार कर रहे हैं। 

  • अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आरक्षण की नीति पूरी तरह से पारदर्शी हो और लागू प्रक्रिया न्यायसंगत हो।


निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में यदि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 50% आरक्षण मिल जाता है, तो यह पिछड़े वर्गों के लिए एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन होगा। यह पहल प्रतिनिधित्व, न्याय और भागीदारी के सिद्धांत को मजबूत करेगी। हालांकि इसके ठीक से लागू होने के लिए कई प्रशासनिक, संवैधानिक एवं सामाजिक चुनौतियाँ हैं।

समय लेकर देखना होगा कि सरकार इस प्रस्ताव को कानून की दिशा में ले जाने में कितनी सफल होगी, और जनता किस तरह इसे स्वीकार करेगी।

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