छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में महाराष्ट्र सीमा के पास सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा दी है।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में महाराष्ट्र सीमा के पास सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा दी है।

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में महाराष्ट्र सीमा के पास सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा दी है। यह मुठभेड़ न केवल नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे संघर्ष की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह राज्य की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत है।

मुठभेड़ का घटनाक्रम

22 सितंबर 2025 को सुबह के समय सुरक्षाबलों ने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें दो शीर्ष नक्सली नेता मारे गए। इन दोनों नेताओं पर कुल 80 लाख रुपये का इनाम था और वे पिछले तीन दशकों से सक्रिय थे। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने कई हथियार, विस्फोटक सामग्री और नक्सली साहित्य भी बरामद किया, जो उनके नेटवर्क और योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री का बयान

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस ऑपरेशन को राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इसे नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी सफलता करार दिया और कहा कि इससे राज्य में शांति और विकास की दिशा में तेजी आएगी। उन्होंने केंद्र सरकार की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

गृह मंत्री का बयान

राज्य के गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने भी इस ऑपरेशन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था, जिसमें दो वरिष्ठ नक्सली नेताओं की मौत हुई। उन्होंने हाल ही में हुई अन्य सफलताओं का भी उल्लेख किया, जिसमें शीर्ष नक्सली नेताओं की मौत और कई आत्मसमर्पण शामिल हैं। उन्होंने शेष नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की और उन्हें समाज में पुनः स्थापित होने का अवसर देने की बात कही।

नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की रणनीति

राज्य सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ एक बहु-आयामी रणनीति अपनाई है, जिसमें सुरक्षाबलों की तैनाती, खुफिया जानकारी का संग्रहण, और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए पुनर्वास योजनाएं भी लागू की गई हैं।

निष्कर्ष

नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षाबल न केवल नक्सलियों के खिलाफ सक्रिय हैं, बल्कि उन्हें समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त रणनीति से राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत की उम्मीद जताई जा रही है।


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