छत्तीसगढ़: बिलासपुर में मंदिर में तोड़फोड़, भगवान गणेश की मूर्ति खंडित—हनुमान जी के चांदी के नयन चोरी, जनता में आक्रोश

छत्तीसगढ़: बिलासपुर में मंदिर में तोड़फोड़, भगवान गणेश की मूर्ति खंडित—हनुमान जी के चांदी के नयन चोरी, जनता में आक्रोश

11, 8, 2025

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बिलासपुर, छत्तीसगढ़। जिले के चकरभाठा क्षेत्र के ग्राम कड़ार में विगत सोमवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जिसने ग्रामीणों की आस्था को गहरा धक्का पहुँचाया है। बंधवा तालाब के किनारे स्थित श्री गणेश मंदिर में अज्ञात बदमाशों ने संगमरमर से बनी गणेश प्रतिमा को तोड़ दिया और मंदिर परिसर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा के चांदी के नयन चोरी कर लिए।


घटना की जानकारी सबसे पहले गांव के मनीष दुबे को सोमवार सुबह मिली, जब वे तालाब नहाने गए तो गणेश भगवान की मूर्ति टूटी हुई अवस्था में मिली और हनुमान जी प्रतिमा के चांदी के नयन गायब थे। मनीष ने तत्काल अन्य ग्रामीणों को सूचित किया। जैसे-जैसे खबर फैली, बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में एकत्र हो गए और आस्था पर चोट मानते हुए घटना का कड़ा विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल मंदिर की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाली घटना नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला अपराध है।


ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस तुरन्त आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों से सम्पर्क कर घटना की जानकारी, संभावित संदिग्धों की पहचान और पूछताछ शुरू की गई। फिलहाल, देर रात तक प्रतिमा तोड़ने और नयन चोरी के आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है, लेकिन पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है।


चकरभाठा के ग्राम कड़ार में गणेश मंदिर क्षेत्र के श्रद्धालु नियमित पूजा-अर्चना करते थे और मंदिर परिसर को गांव की आस्था का केंद्र मानते थे। हनुमान जी की प्रतिमा पर ग्रामीणों ने श्रद्धा से चांदी के नयन समर्पित किए थे। ऐसे में मूर्ति का टूटना और नयन चुराया जाना पूरे इलाके में आक्रोश का कारण बन गया है। मंगलवार की सुबह भी ग्रामीण बड़ी संख्या में मंदिर स्थल पहुँचकर प्रशासन को कठोर कार्रवाई के लिए दबाव बना रहे हैं।


यह घटना बिलासपुर जिले में धार्मिक भावनाओं को आहत कर गई है और प्रशासन के लिए पुलिस की तत्परता तथा दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी एक बड़ी जिम्मेदारी बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर, मूर्तियाँ और धार्मिक स्थल सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक एकता और मूल्यों की निशानी हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।


मंदिर टूटने की इस घटना ने जहां श्रद्धालुओं को हिलाकर रख दिया, वहीं प्रशासन के तत्काल कार्रवाई के रुख से उम्मीद है कि क्षेत्र की आस्था की रक्षा की जाएगी और दोषियों को जल्दी ही पकड़कर कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी।


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