दुर्ग पुलिस को बड़ी कामयाबी: कंटेनर से पकड़ा गया 388 किलो गांजा, तीन गिरफ्तार

दुर्ग पुलिस को बड़ी कामयाबी: कंटेनर से पकड़ा गया 388 किलो गांजा, तीन गिरफ्तार

11, 8, 2025

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गांजा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक कंटेनर से भारी मात्रा में गांजा जब्त किया है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इस जब्ती से नशे के खिलाफ जारी अभियान को मजबूती मिली है।


क्या पता चला घटना से

पुलिस को सूचना मिली थी कि एक कंटेनर वाहन, जिसमें बड़ी मात्रा में अवैध गांजा लदी हुई है, ओड़िशा से नागपुर जाते समय नेशनल हाईवे पर आता हुआ देखा गया है। वाहन क्रमांक एनएल-01-एएच-9524 था। पता चला कि कंटेनर चालक ने आमतल्ला, कोलकाता से अन्य सामान के साथ गांजा भी छुपा रखा था।

खबर पाते ही पुलिस ने कुम्हारी थाना क्षेत्र के टोल प्लाज़ा पर नाकाबंदी की। जब वाहन को रोका गया और तलाशी ली गई, तो कंटेनर से 13 प्लास्टिक बोरी मिली जिसमें कुल 388 पैकेट गांजा भरा हुआ था, हर पैकेट लगभग एक किलो का था। कुल वजन 3 क्विंटल 88 किलो बताया जा रहा है।


गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है:

  • उमे‍श यादव (46 साल), निवासी जय नगर, मधुबनी (बिहार), जिसने कंटेनर ड्राइव किया।

  • मुस्ताक अहमद (34 साल), नागपुर का रहने वाला।

  • फयाज़ अंसारी (24 साल), नागपुर निवासी।

पूछताछ में पता चला कि मुस्ताक और फयाज़ को “शाहिद” नामक व्यक्ति ने यह गांजा नागपुर में स्वीकार करने के लिए कहा था। उमे‍श ने बताया कि उसने रास्ते में ओड़िशा के ग्राम बारकोड़ (देवघर जिला) में मुस्ताक से संपर्क किया और गांजा कंटेनर में छुपा लिया गया।


जप्त सामग्री और सबूत

पुलिस ने जब्त गांजा के अलावा कंटेनर वाहन को भी कब्जे में लिया है। कंटेनर के लॉक खोले जाने पर 13 बोरी गांजे की मिली, जिनमें कुल 388 पैकेट थे। इसके अलावा नगद राशि भी बरामद हुई है, जो लगभग 95 हजार रुपये बताई गई है।

वाहन, बोरी, गांजा और आरोपियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराएँ भी आरोपियों पर आरोपित की गई हैं।


जांच और पूछताछ की प्रक्रिया

पुलिस ने बताया कि केंद्र और राज्य स्तर पर नशे के मामलों की सूचना तंत्र काफी सक्रिय है। मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर इस कार्रवाई को संभव बनाया गया।

आरोपियों से पूछताछ जारी है कि गांजा का स्रोत, वितरण की योजना और अन्य सहयोगी कौन-कौन हैं। इसके अलावा गांजा के लेन-देन और पैसों का हिसाब भी लगाया जा रहा है।


कार्रवाई की प्रभाव और सख्ती

इस गिरफ्तारी ने यह दिखाया कि नशा तस्करी के मामलों में पुलिस तंत्र जागरूक है और सूचना मिलते ही कार्रवाई कर सकता है। इस तरह की बड़ी खेपों को जब्त करने से तस्करों को हतोत्साहित किया जा सकता है।

प्रशासन ने कहा है कि आगे भी इस तरह की लक्षित छापेमारी चलती रहेंगी और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई प्रभावी तरीके से होगी।


सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण

इस तरह की घटनाएँ सिर्फ कानूनी नहीं होतीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी खतरे को बढ़ाती हैं। गांजा जैसे मादक पदार्थों का वितरण युवाओं के बीच बढ़ सकता है, इलाके में अपराध बढ़ने की संभावना भी होती है।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अभियोजन पक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सबूत, गवाह और थाने का रिपोर्ट सब मजबूत हो क्योंकि तस्करी से जुड़े मामले अक्सर न्यायालय में लंबी लड़ाई बन जाते हैं।


388 किलो गांजा जब्त होना और तीन तस्करों की गिरफ्तारी दुर्ग पुलिस की बड़ी सफलता है। यह साबित करता है कि सूचना तंत्र और स्थानीय पुलिस की सक्रियता नशे के कारोबार को रोकने में कारगर है।

हालाँकि यह शुरुआत है; अभी यह देखना है कि अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध होते हैं या नहीं, उनका नेटवर्क कितना बड़ा है और क्या ऐसी कार्रवाई नियमित रूप से हो पाती है। इस सफलता ने यह संदेश दिया है कि कानून की नजरें ऐसे गिरोहों पर लगातार बनी रहनी चाहिए।

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