छत्तीसगढ़: नान घोटाले में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को ईडी ने गिरफ्तार किया, कोर्ट ने 4 सप्ताह की रिमांड दी

छत्तीसगढ़: नान घोटाले में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को ईडी ने गिरफ्तार किया, कोर्ट ने 4 सप्ताह की रिमांड दी

11, 8, 2025

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रायपुर, छत्तीसगढ़। 10 साल पुराने नान घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिटायर्ड आइएएस डा. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को सर्जेंडर किया। अदालत ने उनका ईडी की रिमांड 16 अक्टूबर तक मंजूर कर ली है।

यह मामला नागरिक आपूर्ति निगम (नान) से जुड़ा हुआ है, जहां चावल, नमक और अन्य खाद्य पदार्थों के परिवहन और भंडारण में गड़बड़ी की गंभीर शिकायतें सामने आई थीं। 12 फरवरी 2015 को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने 28 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें रायपुर के नान मुख्यालय से 2 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। इसके बाद 16 व्यक्तियों के खिलाफ 5000 पृष्ठों से अधिक का चालान न्यायालय में पेश किया गया था।

उस समय आलोक शुक्ला खाद्य सचिव और अनिल टूटेजा नान के प्रबंध निदेशक (एमडी) थे। जांच में यह आरोप लगा था कि दोनों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया। आलोक शुक्ला पहले दो बार कोर्ट में सरेंडर के लिए आए, लेकिन डायरी पेश न होने के कारण अनुमति नहीं मिली। बाद में डायरी पेश होने पर दोनों गिरफ्तार किए गए।

गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम ने आरोपितों को दिल्ली ले जाकर उनसे नई सिरे से पूछताछ शुरू कर दी है। सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट परिसर को खास छावनी में तब्दील किया गया है और सीआरपीएफ जवान तैनात किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की युगल पीठ ने जांच एजेंसियों—ईडी और ईओडब्ल्यू को जांच पूरी करने के लिए तीन और दो महीने की समय सीमा निर्धारित की है। यह मामला छत्तीसगढ़ के सरकारी खाद्य आपूर्ति तंत्र में हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी का प्रतीक है।

इस गिरफ्तारी और जांच से यह स्पष्ट संदेश गया है कि बड़े घोटाले में किसी भी स्तर के अधिकारी बच नहीं पाएंगे और कानून के तहत कठोर कार्रवाई होगी।


इस प्रकार, नान घोटाले के इस प्रमुख मामले में रिटायर्ड अधिकारियों की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की धार और तीव्र हुई है, जो कि एक प्रभावशाली कदम माना जा रहा है।

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