छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में आरोपी सुरेश चंद्राकर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या मामले में आरोपी सुरेश चंद्राकर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की

11, 8, 2025

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बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में आरोपी सड़क निर्माण ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इस मामले में सुरेश चंद्राकर के साथ कुल नौ लोगों पर भी भ्रष्टाचार और हत्या के आरोप हैं। आरोप है कि करोड़ों की लागत से बनी सड़क के निर्माण में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ था, जिसके विरोध में पत्रकार मुकेश ने कई बार आवाज़ उठाई थी।

सुरेश चंद्राकर 12 मई 2025 से जेल में बंद है और उस पर आरोप तय करते हुए चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। कुछ सहआरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुरेश चंद्राकर और उसके भाई पर एक पत्रकार की हत्या का आरोप भी है, लिहाज़ा यह मामला जमानत के लिए उपयुक्त नहीं है।

यह हत्या सनसनीखेज है क्योंकि पत्रकार मुकेश की बेरहमी से हत्या कर उनके शव को सेप्टिक टैंक में डाल कर छुपाने का प्रयास किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके सिर में 15 फ्रैक्चर थे, गर्दन टूटी हुई थी, और ह्दय सहित कई अंग क्षत-विक्षत पाए गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच से पता चला कि इस निर्मम हत्याकांड में कम से कम दो लोगों की भूमिका थी।

इस हत्या के साथ ही सड़क निर्माण क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार की भी जांच चल रही है। सुरेश चंद्राकर पर करोड़ों के अनुबंधों में गड़बड़ी और सरकारी धन के गबन के आरोप भी हैं। लोक निर्माण विभाग की एक चार सदस्यीय जांच टीम ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता का निरीक्षण किया और भ्रष्टाचार के प्रमाण प्राप्त किए।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद जांच समिति बनी और आरोपितों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं। सुरेश चंद्राकर को तेलंगाना के हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह फरार था। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस व प्रशासन ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था मजबूत करने का संदेश दिया है।

इस मामले में सुरेश चंद्राकर की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि हत्या जैसे गंभीर मामले में जमानत देना न्याय के खिलाफ होगा। कोर्ट के मुताबिक, आरोपी के भागने और जांच में बाधा उत्पन्न करने के प्रयास को देखते हुए उसे जेल में ही रखा जाना चाहिए।

मुकेश चंद्राकर के हत्याकांड ने पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है और प्रेस की स्वतंत्रता तथा सुरक्षा की दरकार को उजागर किया है। इस मामले ने छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाया है।


यह मामला न केवल पत्रकारिता के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गंभीर चेतावनी है कि भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायपालिका और पुलिस ने इसे एक मिसाल बनाकर अपराधियों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाया है, जिससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाने की आशा जगी है।

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