छत्तीसगढ़ में मौसम का कहर: 25 जिलों में अलर्ट, तेज बारिश और तूफान की संभावना

छत्तीसगढ़ में मौसम का कहर: 25 जिलों में अलर्ट, तेज बारिश और तूफान की संभावना

11, 8, 2025

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छत्तीसगढ़ में मानसून के दौरान मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का असर अब राज्य में साफ़ तौर पर दिखने लगा है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 25 से ज़्यादा जिलों में यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आने वाले दिनों में कई जगहों पर भारी बारिश, तेज हवाओं और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। राजधानी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, सूरजपुर, बस्तर समेत कई हिस्सों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बारिश और बिजली का कहर

बीते 24 घंटों में कई जिलों में बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने की घटनाएँ भी सामने आई हैं। रायपुर जिले में बिजली गिरने से 27 बकरियों की मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं सूरजपुर जिले में खेत में काम कर रहे सात लोगों पर आसमानी बिजली गिर गई। इसमें एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई और बाकी गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण यह बदलाव आया है। अगले 48 घंटे छत्तीसगढ़ के कई जिलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। खासकर उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है।

रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, बस्तर, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर जैसे जिलों में बिजली गिरने और तूफानी बारिश की चेतावनी दी गई है। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने और खुले मैदान, बड़े पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

राजधानी रायपुर में तैयारियाँ

राजधानी रायपुर में प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं। नगर निगम की टीमों को जलभराव वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि भारी बारिश के दौरान तुरंत निपटारा किया जा सके। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे मौसम खराब होने पर घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। स्कूलों में भी बच्चों को बिजली से बचाव के उपाय सिखाए जा रहे हैं।

किसानों के लिए चिंता

बारिश का यह दौर किसानों के लिए राहत और परेशानी दोनों लेकर आया है। धान की फसल को इस समय पानी की ज़रूरत है, लेकिन तेज बारिश और तूफानी हवाएँ फसल को नुकसान भी पहुँचा सकती हैं। कई किसानों ने चिंता जताई है कि अगर बारिश का सिलसिला लंबे समय तक जारी रहा तो उनकी फसल बर्बाद हो सकती है।

मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में पानी का बहाव रोकने की कोशिश करें और ज़रूरत पड़ने पर फसलों को सुरक्षित रखने के लिए नालियाँ बनाएं।

सड़क और बिजली आपूर्ति पर असर

तेज बारिश और हवाओं के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटनाएँ सामने आई हैं। रायपुर और दुर्ग में मंगलवार रात को तेज तूफान के चलते कई इलाकों में घंटों तक बिजली गुल रही। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सड़क यातायात पर भी असर पड़ा है। कई जगहों पर जलभराव के कारण छोटे वाहन फँस गए और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना ज़रूरी काम के घरों से बाहर न निकलें।

आम लोगों के लिए सलाह

मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों को कुछ ज़रूरी सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है:

  1. तेज बारिश या तूफानी हवाओं के दौरान घर से बाहर न निकलें।

  2. बिजली गिरने के समय खुले मैदान, ऊँचे पेड़ और बिजली के खंभों से दूरी बनाए रखें।

  3. खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखें ताकि तेज हवाएँ घर में प्रवेश न कर सकें।

  4. खेतों में काम कर रहे किसानों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर लौट आने की हिदायत दी गई है।

  5. पशुपालक अपने मवेशियों को खुले स्थान पर न छोड़ें और उन्हें सुरक्षित जगह पर रखें।

सामाजिक संगठनों की भूमिका

मौसम की इस स्थिति में कई सामाजिक संगठन भी लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं। रायपुर और बिलासपुर में युवाओं की टीमें ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। वे बता रहे हैं कि बिजली गिरने की घटना के समय मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल न करें और धातु की वस्तुओं से दूर रहें।

भविष्य की स्थिति

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम का असर अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। इस दौरान छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। कुछ इलाकों में भारी बारिश और तूफान भी आ सकता है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ इस समय मौसम की बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। एक ओर बारिश किसानों के लिए वरदान है तो दूसरी ओर बिजली गिरने और तूफानी हवाओं का खतरा लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। प्रशासन और मौसम विभाग लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी आम लोगों की भी है कि वे सतर्क रहें और सावधानियाँ बरतें।

प्राकृतिक आपदाओं से पूरी तरह बचना संभव नहीं है, लेकिन जागरूकता और तैयारी से नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ इस मौसम की चुनौती से कैसे निपटता है।

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