Google Pay के ज़रिये बुजुर्ग से 18 लाख रुपये की ठगी, शिकायत पर नेवी पुलिस ने FIR दर्ज की

Google Pay के ज़रिये बुजुर्ग से 18 लाख रुपये की ठगी, शिकायत पर नेवी पुलिस ने FIR दर्ज की

11, 8, 2025

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भिलाई। Nevai थाना क्षेत्र में एक बुज़ुर्ग व्यक्ति के साथ बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। Google Pay ऐप के इस्तेमाल के दौरान, मोबाइल फोन के माध्यम से खाते से लगभग 18 लाख रुपये अज्ञात व्यक्तियों ने निकाल लिए। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।


घटना का क्रम

76 वर्षीय जयतराम चंदेल, नेवी थाना क्षेत्र के आशीष नगर पूर्व के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि उनका किराएदार आकाश सिंह नामक व्यक्ति उनसे किराया मांगते समय Google Pay एप्लिकेशन इंस्टॉल करवाने की बात कही।

किराया भेजने के लिए थोड़ा-बहुत अभ्यास करवाने के नाम पर, आकाश ने Google Pay की प्रक्रिया समझाने को कहा। इसके बाद जयतराम के मोबाइल से तीन बार एक-एक रुपये के लेन-देने हुए, जो कि सामान्य अभ्यास की तरह दिखा। लेकिन उसके बाद स्थिति बदल गई।


कब पता चला कि ठगी हुई है?

  • कुछ समय बाद जयतराम ने देखा कि उनके यूनियन बैंक खाते से विभिन्न किश्तों में 6,72,603 रुपये और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाते से 10,96,941 रुपये विभिन्न समयों पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा निकाल लिए गए हैं।

  • कुल मिलाकर ठगी गई राशि लगभग 1,76,95,44 4 रुपये (करीब 18 लाख) के आसपास है।

  • दोनों खातों में मोबाइल नंबर प्रार्थी और उनकी पत्नी के नाम से रजिस्टर्ड थे, जिससे लगता है कि धोखेबाज़ों ने खुद को विश्वसनीय दिखाने के लिए इस पहलू का फायदा उठाया।


पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

  • पीड़ित की रिपोर्ट मिलने पर नेवी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

  • प्राथमिकी में लिखा गया कि अज्ञात व्यक्ति ने प्रार्थी के खाते से बिना अनुमति और जानकारी के पैसे निकाल लिए, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है।

  • पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी कौन है, किस तरह से खाते को एक्सेस किया गया, और क्या मोबाइल-फोन एप्लिकेशन या OTP जैसे सुरक्षा उपायों के उल्लंघन हुए हैं।


प्रभारी ने क्या कहा

थाना प्रभारी ने बताया कि इस तरह की ऑनलाइन वॉलेट / UPI / बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बुज़ुर्ग लोग अक्सर तकनीक के मामले में कम सतर्क रहते हैं और अती विश्वास करने के कारण इन धोखों का शिकार हो जाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अगले कुछ दिनों में बैंक रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर इतिहास, किसी तीसरे व्यक्ति की जुड़ी भूमिका आदि साक्ष्यों की गहराई से जाँच करेगी, ताकि ठगीकर्ता तक पहुंचा जा सके।


पीड़ित और सामाजिक प्रभाव

  • जयतराम चंदेल की हालत रिपोर्ट होने तक तनावपूर्ण है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कई रुपए उधार लिए थे और इस ठगी से उनकी आर्थिक स्थिति और दिक्कतें बढ़ गई हैं।

  • उनके घर वालों ने कहा कि बैंक खातों में अचानक निकासी की जानकारी होते ही उन्हें भरोसा नहीं हुआ कि इतना बड़ा लेन-देन होगा।

  • समाज में भय की भावना फैल रही है कि किसे भरोसा किया जाए जब तकनीकी माध्यम धोखा देने में इस्तेमाल हो रहे हों।


कानूनी दृष्टिकोण और सुरक्षा सुझाव

  • यह मामला बताता है कि डिजिटल भुगतान में सुरक्षा व्यवस्था कितनी महत्वपूर्ण है। OTP, UPI ऐप की अनुमति देना, बैंक ऐप्स के लॉग-इन सुरक्षा आदि की जानकारी हर उपयोगकर्ता को होनी चाहिए।

  • लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी को अपने बैंक या ऐप की डिटेल जैसे लॉगिन नंबर, OTP, मोबाइल बैंकिंग पासवर्ड आदि साझा न करें।

  • बैंक और भुगतान ऐप कंपनियों को चाहिए कि वे धोखाधड़ी की संभावनाएँ कम करने के लिए समय-समय पर चेतावनी संदेश भेजें और बुज़ुर्गों को विशेष जागरूकता प्रदान करें।


संभावित आगे की कार्रवाई

  • पुलिस यह जाँच करेगी कि उदाहरण के लिए मोबाइल फोन की आशयपूर्वक स्वीकृति किस तरह ली गई, क्या अज्ञात व्यक्ति ने किसी तरह से फोन हैक किया, या OTP आदि का दुरुपयोग किया।

  • बैंक के रिकॉर्ड, ट्रांज़ैक्शन इतिहास, IP लॉग आदि साक्ष्य जुटाए जाएंगे।

  • यदि आरोपी पकड़ा गया तो उसपर धोखाधड़ी, संविदानुसार अशुभ क्रियाएँ और चोरी-चकारी के अंतर्गत मुकदमा चलेगा।


भिलाई की यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की आर्थिक हानि का मामला नहीं है, बल्कि डिजिटल युग में आयी चुनौतियों और सुरक्षा के अभाव की भी सीमा दिखाती है।

डिजिटल भुगतान सुविधाएँ आज ज़रूरी हो गई हैं, लेकिन सावधानी, सूचना और पारदर्शिता के बिना ये सुविधाएँ धोखे का मार्ग भी बन सकती हैं।

जयतराम चंदेल के मामले से सीख मिलती है कि प्रत्येक व्यक्ति—बुज़ुर्ग हो या युवा—तकनीक का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें, भरोसा सिर्फ़ दृष्य या शब्दों पर न करें, और यदि कुछ असामान्य लगे तो तुरंत बैंक या पुलिस से संपर्क करें।

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