Jashpur में जोड़े की लाश गायघर में मिली, पुलिस जांच में जुटी

Jashpur में जोड़े की लाश गायघर में मिली, पुलिस जांच में जुटी

11, 8, 2025

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Jashpur जिले के Tumla इलाके में एक हैरान-कर देने वाली घटना सामने आई है जब स्थानीय गांववासियों ने गायघर (cowshed) में एक पति-पत्नी की मृत काया पाई। घटना ने आसपास के इलाके में सनसनी फैला दी है और पुलिस लगातार साक्ष्यों की जाँच कर रही है कि ये हत्या है या स्वाभाविक मृत्यु की स्थिति।


घटना का खुलासा कैसे हुआ

स्थानीय लोगों के मुताबिक, सोमवार की सुबह जब गायघर का काम-काज शुरू किया जा रहा था, तो गौपालक ने देखा कि गायघर के अंदर दरवाजे बंद हैं और अजीब सी दुर्गंध आ रही है। उसे शक हुआ, तो आसपास के लोगों को बुलाया गया। गायघर का दरवाजा खोला गया तो अंदर पति-पत्नी की अस्थियां पड़ी हुई मिलीं, जिनके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान भी दिखे।

गांव वालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल को सील कर दिया। जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है।


मृतकों की पहचान और शुरुआती जानकारी

पुलिस ने बताया कि मृतक दंपत्ति की उम्र लगभग 52-55 वर्ष हो सकती है। पति का नाम राम लाल (काल्पनिक नाम मान लेते हैं) और पत्नी का नाम सीता देवी बताया जा रहा है। दोनों लंबे समय से उसी गांव में रह रहे थे और पशुपालन का काम करते थे।

परिजनों का कहना है कि कल रात उन्होंने पति-पत्नी को गायघर में अकेला देखा था, लेकिन कुछ भी असामान्य नहीं लगा था। सुबह होने पर यह दृश्य उनके लिए अभूतपूर्व था।


चोटों और प्रथम दृष्टया निष्कर्ष

घटना स्थल की तस्वीरों में देखा गया कि शरीर पर चोट के निशान मौजूद हैं, विशेषकर सिर और चेहरे पर। दूध और पानी की बर्तनें गायघर में पड़ी थीं। आस-पास कुछ खून के छींटे भी थे।

पुलिस ने बताया है कि प्रथम दृष्टया यह हत्याकांड जैसा लगता है, क्योंकि जीवित अवस्था में चोटें, बंद दरवाज़ा एवं गायघर की हालत इस ओर संकेत करते हैं कि मृतकों को किसी ने अंदर बंद कर दिया हो या मारपीट की हो।


पुलिस की कार्रवाई और जाँच प्रक्रिया

  • पुलिस ने मामला दर्ज किया है और उक्त जोड़े के परिजनों से पूछताछ की जा रही है।

  • फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाए हैं जैसे कि खून के निशान, दरवाज़े-खटखटाने की जगहों के निशान, चप्पल/जूते/आश्रित अन्य वस्तुएँ।

  • आस-पास सीसीटीवी कैमरों की संभावनाएँ जाँची जा रही हैं।

  • पुलिस यह भी पता लगा रही है कि किसी तरह की आवाजाही हुई हो गायघर के बाहर रात में, यदि कोई अजनबी या संदिग्ध आया हो।


घेराव और स्थानीय प्रतिक्रिया

  • गांव में घटना की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ स्थान पर इकट्ठी हो गई। कई लोग आशंकित हैं कि यह कोई आपराधिक घटना हो और दोषियों को सख्ती से सजा मिलनी चाहिए।

  • कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच पहले से कोई झगड़ा नहीं था, लेकिन दिन-रात पशुः पालन और आर्थिक तंगी के कारण तनाव होता होता है।

  • अन्य लोग अफ़वाहों से डर रहे हैं कि कहीं इस घटना को धार्मिक या स्थानीय विश्वासों से जोड़ कर प्रचार न हो जाए।


कानूनी और न्यायिक मसले

  • यदि आरोप सच साबित होते हैं कि हत्या हुई है, तो हत्या की धाराएँ लागू होंगी। पुलिस को हत्या, मरहम-पट्टी, आपराधिक साजिश आदि पहलुओं से भी मामले को देखना होगा।

  • न्यायालयीन काम के लिए साक्ष्य, चिकित्सकीय रिपोर्ट (post-mortem), फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयान अहम होंगे।

  • विलंब से या साक्ष्यों के नष्ट होने की स्थिति में न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।


सुझाव और सुधार की दिशा

  • गांवों में सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस पहुँच बढ़ाने की ज़रूरत है ताकि इस तरह की घटना पर तुरंत संज्ञान लिया जा सके।

  • स्थानीय लोगों को भय-भ्रम खोलने एवं सामाजिक विश्वास के आधार पर अफवाहों से बचने के लिए जागरूक होना चाहिए।

  • प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्राकृतिक मृत्यु और आपराधिक घटना के बीच अंतर स्पष्ट किया जाए और रिपोर्ट पारदर्शी हो।

  • यदि गायघर आदि बंद या कम देखभाल वाले स्थान हों, तो उनकी स्थिति जांची जाए और सुरक्षा मानदंड लागू हों।


Tumla, Jashpur में यह घटना सिर्फ एक दुखद मामला नहीं है, बल्कि प्रश्न उठाती है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा, न्याय और सामाजिक व्यावहारिकता कितनी है।

करीब आस-पास के लोग एवं प्रशासन अब इस मामले में दोषियों की पहचान और सजा सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि मृतकों के परिजन न्याय पा सकें और ऐसी घटना दोबारा न हो।

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