श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकाली गई

श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकाली गई

24, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के ग्राम नवापारा (कनई) में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया। इस अवसर पर युवतियों और महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली, और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नगर भ्रमण किया। 

प्रारंभ और आयोजन

इस धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत कलश यात्रा से हुई थी। श्रद्धालुओं ने कलश लेकर मंदिरों और मार्गों पर यात्रा निकाली, पवित्र पाठ और भक्ति गीतों के साथ। इस यात्रा में शामिल लोगों ने नगर भ्रमण करते हुए कथा स्थल तक पहुँचने का रास्ता तय किया।

कथा से पहले एक विशेष अनुष्ठान भी किया गया — व्यास पंडित दीपक कृष्ण महाराज को रथ पर बैठाया गया और यजमानों ने श्रीमद् भागवत पुराण को सिर पर धारण कर कलश यात्रा की शुरुआत की।

श्रद्धालुओं की भागीदारी और माहौल

इस महोत्सव में गाँव-शहर से लोगों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। युवतियाँ और महिलाएं विशेष रूप से कलश यात्रा में शामिल रहीं। उनका आचरण और भक्ति-भाव देखने योग्य था।

कथा स्थल तक पहुँचने पर भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रवचन, मंत्रोच्चारण आदि कार्यक्रम हुए। श्रद्धालुओं ने भक्ति और ज्ञान दोनों का अनुभव किया।

धार्मिक एवं सामाजिक महत्व

कलश यात्रा एक पारंपरिक धार्मिक रीत है, जो भगवान, पवित्रता और आशीर्वाद को दर्शाती है। इसे प्रारंभिक अनुष्ठान के रूप में माना जाता है, जो कथा एवं धार्मिक कार्यक्रमों को शुभता प्रदान करती है।

श्रीमद् भागवत कथा धार्मिक शिक्षा, नैतिक संदेश और आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्तंभ मानी जाती है। इस कथा के माध्यम से जीवन के धर्म, भक्ति, ज्ञान और सेवा के सिद्धांतों को लोगों तक पहुँचने का प्रयास किया जाता है।

जब कथा के शुभारंभ पर कलश यात्रा निकाली जाती है, तो वह एक सजीव प्रतिबिंब बन जाती है — जिसमें गाँव या नगर की जनता धार्मिक भाव से एक स्वर हो जाती है। इससे न सिर्फ धार्मिक उत्साह बढ़ता है बल्कि सामाजिक एकता और आपसी सद्भावना भी प्रबल होती है।

निष्कर्ष

नवापारा (कनई) में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का यह शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ, जिसमें महिलाओं और युवतियों की अगुआई रही। यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आनंद और सामुदायिक जुड़ाव का अवसर साबित हुआ।

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