कबीरधाम में नवरात्रि और सामाजिक गतिविधियों का रंगारंग माहौल

कबीरधाम में नवरात्रि और सामाजिक गतिविधियों का रंगारंग माहौल

24, 9, 2025

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कबीरधाम जिले में नवरात्रि पर्व और सामाजिक गतिविधियों का संगम इस साल भी देखने को मिला। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित कार्यक्रमों और पहलों ने स्थानीय लोगों की आस्था, उत्साह और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया। इन आयोजनों में धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी पहलें और प्रशासनिक पहलें शामिल थीं।

धार्मिक आयोजनों का उत्साह

नवरात्रि के पहले दिन से ही कबीरधाम के विभिन्न मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए। बारगांव स्थित मां शीतला मंदिर मटिया में 66 ज्योति कलश, जगदंबा मंदिर में 54 कलश, कूंरा में 117 कलश और देवरबीजा में संडी सिद्धि माता मंदिर में 9372 कलश प्रज्वलित किए गए। इन कलशों की रोशनी ने पूरे मंदिर परिसर को जगमगाकर भक्तों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव दिया।

भक्तों ने अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए दीप जलाए और मंदिरों में पूजा-अर्चना की। मंदिरों में विशेष पूजा, दुर्गा सप्तशती पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। भक्तों का कहना था कि इस प्रकार के आयोजन उनके मन में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं और समाज में भाईचारे और एकता की भावना को मजबूत करते हैं।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने भी अपनी आध्यात्मिक झाँकी प्रस्तुत की। चैतन्य देवियों की यह सुंदर झाँकी लोगों के लिए एक अद्वितीय अनुभव लेकर आई। झाँकी में माँ दुर्गा की उपस्थिति को चैतन्य कन्याओं के माध्यम से दिखाया गया, जिससे दर्शकों ने आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून अनुभव किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

नवरात्रि के दौरान मरोड़हरा में पाण्डवानी गायिका पूनम ने महाभारत के प्रसंगों को पाण्डवानी शैली में प्रस्तुत किया। उनकी गायन शैली और भावपूर्ण अभिनय ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने न केवल धार्मिक माहौल को जीवंत किया बल्कि छत्तीसगढ़ी लोक संगीत और सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित किया।

सामाजिक और स्वास्थ्य पहलें

सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत दर्रा गांव में स्वच्छता अभियान आयोजित किया गया। इस अभियान में गाँव के प्रमुख स्थानों की सफाई की गई और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी इस पहल को और प्रभावशाली बनाती है। स्वच्छता अभियान से ग्रामीणों में सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी।

इसी तरह, पामगढ़ के दृष्टि और श्रवण बाधित छात्रों के लिए फल वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में पोषण और स्वास्थ्य के महत्व को समझाना था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को हेल्थ टिप्स और संतुलित आहार की जानकारी भी दी गई।

लुडेज़ में सरस्वती साइकिल वितरण योजना के अंतर्गत 53 बालिकाओं को निशुल्क साइकिल प्रदान की गई। इस योजना का उद्देश्य बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना और विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति दर सुधारना है। बालिकाओं की पढ़ाई और आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है।

सुरक्षा और प्रशासनिक कार्रवाई

कबीरधाम जिले में सुरक्षा और न्याय के मामले भी सुर्खियों में रहे। 1.84 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाला आरोपी 9 साल बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर उसे न्यायालय में पेश किया।

इसी प्रकार, नाबालिग लड़की का अपहरण करने वाले आरोपी को पंडरिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने लड़की को सकुशल बरामद किया और आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा। इन घटनाओं ने बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को स्पष्ट किया।

इसके अलावा, स्थानीय विधायक और ग्रामीणों ने कुछ पुलिसकर्मियों के अनुचित व्यवहार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रशासन ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

विकास और प्रशासनिक पहलें

मुख्यमंत्री विष्णु देव सिंह करेली बड़ी पहुँचे और ₹245 करोड़ के विकास कार्यों का उद्घाटन किया। इनमें सड़क निर्माण, जलापूर्ति, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का विस्तार शामिल था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएँ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होंगी।

प्राकृतिक आपदा और त्वरित प्रतिक्रिया

कबीरधाम में हल्की बारिश और तेज़ हवाओं के कारण एक पंडाल गिर गया, लेकिन समय रहते लोगों ने अपनी जान बचाई। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा का आश्वासन दिया।

निष्कर्ष

कबीरधाम में नवरात्रि और सामाजिक गतिविधियों का यह समग्र माहौल दर्शाता है कि धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और प्रशासनिक पहलें कैसे मिलकर समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाती हैं। मंदिरों में ज्योति कलश, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी योजनाएँ, तथा प्रशासनिक कार्रवाई और सुरक्षा उपाय मिलकर लोगों के जीवन में उज्जवल भविष्य का संदेश देते हैं।

इस प्रकार के आयोजन और पहलें न केवल आस्था और संस्कृति को मजबूत करती हैं, बल्कि समाज में जागरूकता, स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा के स्तर को भी उच्च बनाती हैं।

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