बालोद जिले में हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों ने वेतनमान संशोधन की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

बालोद जिले में हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों ने वेतनमान संशोधन की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

24, 9, 2025

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बालोद जिले में हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों ने वेतनमान संशोधन की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जिला मुख्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि विकास अधिकारियों ने भाग लिया। कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें 9 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर आवाज उठाई गई।

प्रदर्शन का कारण

अधिकारियों का कहना है कि वेतनमान में उचित संशोधन न होने के कारण उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए, उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने का निर्णय लिया।

प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारियों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई:

  • वेतनमान में वृद्धि: वर्तमान वेतनमान को संशोधित कर उचित वृद्धि की जाए।

  • कार्य की बेहतर परिस्थितियाँ: कार्यालयों और कार्यस्थलों की सुविधाओं में सुधार किया जाए।

  • प्रोन्नति की स्पष्ट नीति: अधिकारियों के लिए स्पष्ट और पारदर्शी प्रोन्नति नीति लागू की जाए।

  • सेवानिवृत्ति लाभों में सुधार: सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभों में वृद्धि की जाए।

अधिकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रशासन ने अधिकारियों के प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताया और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने कहा है कि वे जल्द ही एक बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें अधिकारियों की मांगों पर चर्चा की जाएगी।

यह प्रदर्शन न केवल अधिकारियों के लिए, बल्कि पूरे जिले के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि सरकारी कर्मचारियों की संतुष्टि और उनके कार्य की परिस्थितियाँ सुधारने की आवश्यकता है। यदि अधिकारियों की मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

अधिकारियों का यह आंदोलन यह दर्शाता है कि सरकारी कर्मचारियों की संतुष्टि और उनके कार्य की परिस्थितियाँ सुधारने की आवश्यकता है। यदि प्रशासन इस दिशा में कदम नहीं उठाता, तो इससे न केवल अधिकारियों की कार्यक्षमता प्रभावित होगी, बल्कि जिले की समग्र विकास प्रक्रिया भी बाधित हो सकती है।

इसलिए, यह आवश्यक है कि प्रशासन अधिकारियों की मांगों पर शीघ्र विचार करे और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि जिले में विकास की प्रक्रिया निर्बाध रूप से जारी रह सके।

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