छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार बने हैं।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार बने हैं।

24, 9, 2025

14

image

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार बने हैं। BJP समर्थकों ने उनके खिलाफ विभिन्न फोटो और वीडियो पोस्ट कर सोशल मीडिया पर उन्हें निशाना बनाया। इस ट्रोलिंग में बघेल के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।


भूपेश बघेल की राजनीतिक पृष्ठभूमि

भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख कांग्रेसी नेता हैं। उन्होंने 2018 से 2023 तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी सरकार ने किसानों के हित में कई योजनाएं शुरू की, जिनमें 'नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी' योजना प्रमुख है। यह योजना पशुपालन, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है। हाल ही में, दिल्ली सरकार ने इस योजना को अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे बघेल की योजनाओं की सराहना हुई है。


📱 सोशल मीडिया ट्रोलिंग का मामला

हाल ही में, BJP समर्थकों ने भूपेश बघेल के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग अभियान चलाया। इसमें उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल किया गया। इन पोस्टों में बघेल को निशाना बनाते हुए विभिन्न टिप्पणियां की गईं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।


🗣️ बघेल का प्रतिक्रिया

भूपेश बघेल ने इस ट्रोलिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह BJP की पुरानी आदत है। उन्होंने आरोप लगाया कि BJP उनके खिलाफ झूठी और अपमानजनक सामग्री फैलाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रही है। बघेल ने यह भी कहा कि वे इस तरह की साजिशों से डरने वाले नहीं हैं और जनता के बीच जाकर अपनी बात रखेंगे।


🧠 सोशल मीडिया पर राजनीतिक प्रभाव

सोशल मीडिया आजकल राजनीतिक संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। राजनीतिक दल और नेता अपनी छवि बनाने और विरोधियों को निशाना बनाने के लिए इसका उपयोग करते हैं। हालांकि, इस प्लेटफॉर्म पर फैलने वाली गलत जानकारी और ट्रोलिंग से व्यक्तिगत और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।


🛡️ ट्रोलिंग से बचाव के उपाय

  • सतर्कता: सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री की सत्यता की जांच करें।

  • ब्लॉक और रिपोर्ट: जो उपयोगकर्ता अपमानजनक या गलत जानकारी फैलाते हैं, उन्हें ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें।

  • सकारात्मक संवाद: नकारात्मक टिप्पणियों का जवाब देने के बजाय सकारात्मक और रचनात्मक संवाद बढ़ावा दें।


यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि हमें अपने बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से उबारने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, स्कूलों और समुदायों को भी इस दिशा में जागरूकता फैलानी चाहिए और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए।

Powered by Froala Editor