शंकरगढ़ के अतिथि शिक्षक सुदर्शन यादव की लगन से 26 आदिवासी युवा बने अग्निवीर, मुख्यमंत्री ने की सराहना

शंकरगढ़ के अतिथि शिक्षक सुदर्शन यादव की लगन से 26 आदिवासी युवा बने अग्निवीर, मुख्यमंत्री ने की सराहना

11, 8, 2025

13

image

अंबिकापुर / शंकरगढ़। बलरामपुर जिले के बालक हायर सेकेंडरी स्कूल शंकरगढ़ में गणित के अतिथि शिक्षक सुदर्शन यादव ने अपने संकल्प और अथक मेहनत से दिखा दिया कि इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन बदल सकते हैं जिंदगी की दिशा। उनके नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल करीब 30 आदिवासी युवाओं में से 26 उम्मीदवारों ने अग्निवीर भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षक सुदर्शन यादव और इन युवाओं की जमकर प्रशंसा की है।


तैयारी की शुरुआत

शंकरगढ़ ब्लॉक के आदिवासी-समुदाय के कई युवक-युवतियों ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन अग्निवीर भर्ती परीक्षा की तैयारी के अवसर कम मिलने से कईुभ रुक गए थे। सुदर्शन यादव ने यह देखा कि कठिनाइयों के बावजूद युवाओं में इच्छाशक्ति पूरी तरह है, बस तैयारी का सही मौका नहीं मिला है।

उन्होंने स्वयं पहल करते हुए एक नि:शुल्क तैयारी शिविर का आयोजन किया। इसमें लिखित परीक्षा के साथ-साथ शारीरिक क्षमता टेस्ट (फिजिकल टेस्ट) की प्रैक्टिस भी कराई गई। शिविर में प्रवेश क्षमता, स्टेमिन, फिटनेस और समय प्रबंधन जैसे कौशलों पर विशेष ध्यान दिया गया।


प्रशिक्षण का स्वरूप

  • कुल मिलाकर 30 युवा-युवतियों ने इस शिविर में दाखिला लिया, जिनमें से 23 युवक और 3 युवतियाँ थीं। सभी आदिवासी परिवारों से थे और शंकरगढ़ ब्लॉक की ही विभिन्न पंचायतों से आते थे।

  • लिखित परीक्षा की तैयारी ऑनलाइन संसाधनों, मॉक-टेस्ट, पिछले वर्ष की प्रश्न पत्रों और समय-बद्ध अभ्यासों द्वारा कराई गई।

  • फिजिकल टेस्ट की तैयारी में दौड़, चढ़ाई-उतार, व्यायाम और अन्य सामान्य फिटनेस गतिविधियाँ शामिल थीं। गर्मी के दिनों में सुबह-सुबह व शाम को मैदान में अभ्यास कराया गया।

  • छात्रावास की व्यवस्था कराई गई ताकि दूरी-भटकाव कम हो और प्रशिक्षण नियमित हो सके। साथ ही भोजन आदि की सुविधा नि:शुल्क प्रदान की गई।


परिणाम और खुशी

  • परीक्षा परिणाम घोषित होने पर 30 में से 26 युवाओं ने अग्निवीर भर्ती परीक्षा पास की।

  • सफल उम्मीदवारों में पिंकू पैकरा, जिंदल, विकास पैकरा, प्रकाश सिंह, आर्यनदेव, नंदन पन्ना, रंजीत केरकेट्टा, रमेश पैकरा, प्रियांशु, निकिता नरसिंह, शशि किरण, सोहन लाल, महेन्द्र पैकरा, मिथलेश पैकरा, छोंटू, बज्जू पैकरा, पंकज, विवेक पैकरा, विधायक पैकरा, किशुन पैकरा, सोभनाथ पैकरा, अमित कुजूर और एंजेल लकड़ा शामिल हैं।

  • युवाओं ने बताया कि परीक्षा के समय कंप्यूटर आधारित (ऑनलाइन) पेपर देने में शुरुआत में झिझक थी, लेकिन अभ्यास से आत्म-विश्वास बढ़ा।


मुख्यमंत्री की पहल और समर्थन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता को राज्य के लिए प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना युवाओं को देश-सेवा का अवसर प्रदान करती है और ऐसी उपलब्धियाँ दिखाती हैं कि प्रयासों और सही मार्गदर्शन से हर वर्ग के युवक इस क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं।

उन्होंने शिक्षक सुदर्शन यादव के नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रयास की सराहना की और कहा कि सरकार ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित करेगी, विशेषकर आदिवासी समुदायों में। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है ताकि तैयारी और कोचिंग अधिक लोगों तक पहुंचे।


सामाजिक प्रभाव और आगे की राह

  • इस सफलता ने शंकरगढ़ ब्लॉक में युवाओं में नई उम्मीद जगाई है। अब अधिक छात्र और छात्राएँ अग्निवीर तथा अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के लिए तैयार हो रहे हैं।

  • समुदाय में यह बात फैल गई है कि यदि एक शिक्षक समर्पित हो और सही अवसर हो, तो हालत बदल सकती है — शिक्षा और तैयारी दोनों में समर्थन महत्त्वपूर्ण है।

  • भविष्य में ऐसी कोचिंग सेंटर या प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए संसाधन, डिजिटल पहुँच (इंटरनेट, लैपटॉप आदि) एवं शारीरिक प्रशिक्षण की सुविधा बढ़ाने की माँग बढ़ रही है।


शिक्षक सुदर्शन यादव की भूमिका

  • उन्होंने नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के अलावा युवाओं को प्रेरित करने का भी काम किया — स्व-विश्वास, अनुशासन, समयपालन, परीक्षा-चर्चा आदि पर ज़ोर दिया।

  • गर्मियों में खराब मौसम और कठिन परिस्थिति में भी वे सुबह-शाम मेहनत से प्रशिक्षण शिविर चला रहे थे।

  • युवाओं के परिवारों को भी भरोसा दिलाया गया कि यह अवसर झूठा नहीं है — सफलता के पूर्वापेक्षाएँ स्पष्ट थीं।


निष्कर्ष

शंकरगढ़ के शिक्षक सुदर्शन यादव की इस सफलता की कहानी यह सिखाती है कि यदि समर्पण और अवसर मिलें, तो प्रभावित वर्गों में भी व्यापक परिवर्तन संभव है। 26 आदिवासी युवाओं की अग्निवीर परीक्षा में सफलता सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि समाज की प्रगति की मिसाल है।

यह घटना राज्य के अन्य ब्लॉकों के लिए प्रेरणा है कि वे भी इस तरह के नि:शुल्क प्रशिक्षण का प्रबंध करें और युवाओं को सपने पूरे करने के लिए मार्गदर्शन दें।

Powered by Froala Editor