सेंट्रल जेल में बंद कैदी के पेशाब मार्ग में मिली पेंसिल — ४ घंटे की ऑपरेशन के बाद निकाली गई

सेंट्रल जेल में बंद कैदी के पेशाब मार्ग में मिली पेंसिल — ४ घंटे की ऑपरेशन के बाद निकाली गई

24, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के सुकमा-सुरगुजा क्षेत्र के अंबिकापुर सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक बंदी ने अपनी मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) में लगभग ३ इंच लंबी पेंसिल डाल दी। यह मामला जेल प्रशासन और चिकित्सा व्यवस्था दोनों के सामने कई प्रश्न खड़े करता है। नीचे इस घटना की विस्तृत जानकारी, संभावित कारण एवं प्रभाव दिए गए हैं।

घटना की पृष्ठभूमि

अंबिकापुर के सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी ने दावा किया कि उसे “खुजली” हो रही थी। शिकायत मिलने पर जब उसकी जांच की गई, तो पता चला कि मूत्रमार्ग (पेशाब की नली) से खून बह रहा था। इस असामान्य लक्षण के आधार पर उसे तुरंत अस्पताल भेजा गया।
चिकित्सा जांच के दौरान यह पता चला कि मूत्रमार्ग में लगभग ३ इंच लंबी पेंसिल फंसी हुई है। इसके बाद एक चार घंटे का आपरेशन किया गया, जिसमें सफलतापूर्वक वह पेंसिल निकाली गई। जेल अधिकारियों के अनुसार यह घटना काफी दुर्लभ और बेहद संवेदनशील है।

अस्पताल में ऑपरेशन

— आपरेशन में ४ घंटे का समय लगा।
— इस दौरान कैदी को ज़बरदस्त पीड़ा और रक्तस्राव का सामना करना पड़ा।
— चिकित्सकों ने बताया कि यदि समय रहते पेंसिल नहीं निकाली जाती, तो मूत्र मार्ग को गंभीर नुकसान हो सकता था, संक्रमण की आशंका थी और अन्य अंगों पर भी विपरीत असर पड़ सकता था।
— सफल ऑपरेशन के बाद कैदी की हालत स्थिर बताई जा रही है और वह अब निगरानी में है।

संभावित कारण और आकलन

इस तरह की घटना बहुत असामान्य है, लेकिन चिकित्सा जगत और जेल प्रबंधन की दृष्टि से यह गंभीर संकेत हो सकती है। संभावित कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. खुजली या जलन
    कैदी ने बताया कि उसे खुजली हो रही थी। संभव है कि वह किसी तरह की जलन या संक्रमण से परेशान था और इसे खुद ही “उपाय” समझकर इस चरम कदम तक गया।

  2. मानसिक दबाव या उत्तेजना
    बंदी जीवन बहुत तनावपूर्ण हो सकता है — मानसिक दबाव, गुस्सा या उत्तेजना किसी को भी अजीब कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकती है।

  3. दुर्लभ तंत्रिका या यौन स्वास्थ्य समस्या
    कभी-कभी शरीर में गड़बड़ी जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्या या यौन स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी होती है, जिसे व्यक्ति असामान्य तरीके से हल करने की कोशिश करता है।

  4. असामान्य व्यवहार / आत्म-क्षति की प्रवृत्ति
    यदि कैदी में आत्म-क्षति की प्रवृत्ति हो, तो इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य की ओर संकेत हो सकता है।

जेल प्रबंधन एवं सुरक्षा खामियाँ

— इस घटना ने जेल प्रशासन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
— कैसे एक पेंसिल जेल में आई, यह भी एक बड़ी समस्या है — यह हर जेल में प्रतिबंधित होती है।
— यदि कोई प्रतिबंधित वस्तु कैदियों तक पहुंच सकती है, तो सुरक्षा प्रक्रिया में कमी होना तय है।
— इसके अलावा, संदिग्ध स्वास्थ्य शिकायतों को गंभीरता से न लेना जेल चिकित्सा व्यवस्था की कमजोरी हो सकती है।

चिकित्सकीय और कानूनी मायने

— चिकित्सा दृष्टि से, यह मामला “एनजेस्टेड फॉरेन बॉडी” (body में फंसी विदेशी वस्तु) की श्रेणी में आता है। यदि इसे समय रहते नहीं निकाला गया होता, तो गहरा संक्रमण या मूत्र मार्ग का पर्मानेंट नुकसान हो सकता था।
— कानूनी दृष्टि से, जेल प्रशासन को यह साबित करना होगा कि कैदी की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उन्होंने पूरी की।
— कैदी या उसके परिवार को भी इस घटना के लिए मुआवजे की मांग करने का अधिकार हो सकता है, यदि चिकित्सा लापरवाही या सुरक्षा चूक पाई गई।

निष्कर्ष

यह दुर्लभ घटना एक चेतावनी स्वरूप है — जेल व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था और मानसिक स्वास्थ्य सेवा सभी को एक साथ मजबूत करने की आवश्यकता है। यदि ऐसे मामलों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह न केवल कैदियों की जिंदगी को जोखिम में डाल सकता है, बल्कि जेल कार्यप्रणाली की छवि को भी धूमिल कर सकता है।

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