जांजगीर-चांपा में नाबालिग से दुष्कर्म और वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग: आरोपी गिरफ्तार

जांजगीर-चांपा में नाबालिग से दुष्कर्म और वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग: आरोपी गिरफ्तार

24, 9, 2025

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग किशोरी के साथ इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद आरोपी युवक ने दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। यह घटना न केवल समाज में डिजिटल माध्यमों की बढ़ती चुनौती को उजागर करती है, बल्कि सोशल मीडिया की लापरवाहियों से होने वाले खतरों को भी सामने लाती है।


इंस्टाग्राम से शुरू हुई दोस्ती

पुलिस जानकारी के अनुसार, पीड़िता और आरोपी की पहचान आज से लगभग दो साल पहले इंस्टाग्राम पर हुई थी। आरोपी हिमांशु रात्रे ने सामान्य बातचीत के बाद किशोरी का विश्वास जीत लिया और समय के साथ उसे अपने जाल में फंसा लिया। इसी विश्वास के चलते आरोपी ने किशोरी को बहला-फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।


वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग

दुष्कर्म की वारदात के बाद हिमांशु ने किशोरी की अश्लील वीडियो बनाई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोपी ने किशोरी से लगातार संपर्क में रहकर उसे डराया-धमकाया, जिससे किशोरी मानसिक तनाव में आ गई और डर की वजह से पहली बार किसी को कुछ नहीं बता पाई।


पुलिस कार्रवाई और आरोपी गिरफ्तार

आखिरकार जब स्थिति हद से बढ़ गई, तब किशोरी ने साहस कर अपने परिवार को पूरी घटना की जानकारी दी। परिवार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और अकलतरा थाना में शिकायत दर्ज करवाई। थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने बताया कि पुलिस ने 64(2)m, 296, 115(2), 351(2) और 4,6 पास्को एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी हिमांशु रात्रे को उसके गांव खपरीडीह से घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपने अपराध को कबूल कर लिया और उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।


सोशल मीडिया की बढ़ती चुनौती

इस मामले ने सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने के खतरों को एक बार फिर सामने ला दिया है। थाना अधिकारियों का कहना है कि आज के समय में सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती करना पुराना चलन बन गया है, मगर इस माध्यम पर पूरी सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। उन्होंने किशोरियों और परिवारों से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से संवाद करते वक्त बेहद सावधानी बरतें।


परिजनों की भूमिका और जागरूकता

परिवारों के लिए यह घटना एक सबक की तरह है कि वे अपने बच्चों के डिजिटल व्यवहार पर नजर रखें और समय-समय पर संवाद करें कि वे किन-किन लोगों से ऑनलाइन संपर्क में हैं। किशोर उम्र में बच्चों को इंटरनेट और सोशल मीडिया की संभावित खतरों के प्रति जागरूक करना आज की आवश्यकता है।


कानून और बाल संरक्षण

पुलिस ने इस घटना में त्वरित कार्रवाई की है और पास्को (POCSO) एक्ट के तहत सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया है, जिससे आरोपी को कठोर सजा मिलने की संभावना है। कानून विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में त्वरित न्याय प्रक्रिया और समाज की जागरूकता ही बच्चों को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा साधन है।


संदेश और सुझाव

सोशल मीडिया का उपयोग सतर्कता के साथ करें और अनजान या संदिग्ध लोगों के अनुरोध स्वीकार न करें।


किसी भी तरह के डर या धमकी की स्थिति में तुरंत अपने परिवार और पुलिस को जानकारी दें।


माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के सभी ऑनलाइन अकाउंट्स पर नजर रखें और समय-समय पर संवाद करें।


पुलिस प्रशासन भी समय-समय पर साइबर सुरक्षा, डिजिटल जागरूकता और बाल संरक्षण के लिए अभियान चलाता रहे।


यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि इंटरनेट, खासकर सोशल मीडिया, दोधारी तलवार की तरह है—अगर जागरूकता और सतर्कता न बरती जाए तो जीवन भर का नुकसान हो सकता है। पुलिस प्रशासन ने इस घटना में जिस त्वरितता से न्यायिक कार्रवाई की है, वह अन्य पीड़ितों के लिए भी प्रेरणा है कि वे डरें नहीं, आवाज उठाएं और कानून पर भरोसा रखें।


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