छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के पांच जिलों में शिक्षकों के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के पांच जिलों में शिक्षकों के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।

24, 9, 2025

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रायपुर, 23 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के पांच जिलों में शिक्षकों के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर और रायगढ़ जिलों में लागू की गई है। इसके तहत एक विशेष मोबाइल एप विकसित किया गया है, जिसे शिक्षक गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप में जियो-फेंसिंग तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे शिक्षक केवल विद्यालय परिसर में उपस्थित रहने पर ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। यह कदम विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। 

जियो-फेंसिंग तकनीक का महत्व

जियो-फेंसिंग तकनीक एक GPS-आधारित प्रणाली है, जो एक निर्धारित भौगोलिक सीमा के भीतर किसी व्यक्ति की उपस्थिति को सत्यापित करती है। इसका उपयोग करके, शिक्षक केवल तब ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं जब वे विद्यालय परिसर में होंगे। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उपस्थिति केवल वास्तविक समय में और वास्तविक स्थान पर ही दर्ज की जाए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।

गुजरात मॉडल से प्रेरणा

छत्तीसगढ़ सरकार ने गुजरात के शिक्षा विभाग के मॉडल से प्रेरणा ली है, जहां पहले से ही जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू है। हालांकि, छत्तीसगढ़ का यह एप अधिक उन्नत है, क्योंकि इसमें जियो-फेंसिंग फीचर शामिल किया गया है, जिससे उपस्थिति केवल विद्यालय परिसर में ही दर्ज की जा सकती है। गुजरात में कुछ मामलों में शिक्षकों द्वारा घर से ही उपस्थिति दर्ज करने की घटनाएँ सामने आई थीं, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नई प्रणाली के माध्यम से रोकने का प्रयास किया है।

शिक्षक संघों की प्रतिक्रिया

कुछ शिक्षक संघों ने इस नई व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्याओं को लेकर। उनका कहना है कि कमजोर नेटवर्क के कारण उपस्थिति दर्ज करने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, विभाग ने इस मुद्दे को समझते हुए, तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

आगामी योजनाएँ

विभाग ने इस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है। पहले चरण में, पांच जिलों में इसे लागू किया गया है, और अगले चरण में अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। इससे पहले, इंदौर जिले में 'हमारे शिक्षक' एप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने की कोशिश की गई थी, लेकिन नेटवर्क समस्याओं और तकनीकी मुद्दों के कारण सफलता नहीं मिल पाई थी। इसीलिए, छत्तीसगढ़ सरकार ने इस नई प्रणाली को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए जियो-फेंसिंग तकनीक का उपयोग किया है।


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