छत्तीसगढ़ के चर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों, डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया है।

छत्तीसगढ़ के चर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों, डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया है।

24, 9, 2025

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रायपुर, 22 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के चर्चित नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों, डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को दोनों ने सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। विशेष अदालत ने उन्हें 16 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। 

🏛️ नान घोटाले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2015 में सामने आया था, जब नागरिक आपूर्ति निगम में चावल, नमक और अन्य खाद्य पदार्थों के परिवहन और भंडारण में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं। इसके बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने 28 ठिकानों में छापेमारी की, जिसमें रायपुर मुख्यालय से दो करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। इससे संबंधित 16 लोगों के खिलाफ 5000 पन्नों से अधिक का चालान कोर्ट में पेश किया गया था। उस समय आलोक शुक्ला खाद्य सचिव और अनिल टूटेजा नान के एमडी थे। केंद्र से अनुमति मिलने के बाद दोनों के खिलाफ अलग पूरक चालान भी कोर्ट में पेश किया गया था।

⚖️ न्यायिक प्रक्रिया और गिरफ्तारी

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द कर दी थी, जिसके बाद आलोक शुक्ला दो बार सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे। पहले ईडी द्वारा कोर्ट में डायरी पेश न करने के कारण अनुमति नहीं मिली, लेकिन बाद में डायरी पेश होने के बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम ने आरोपितों को दिल्ली के लिए फ्लाइट से रवाना किया, जहां उनसे नई सिरे से पूछताछ की जाएगी। नान घोटाले की जांच अब दिल्ली ईडी द्वारा ही की जा रही है।

🛡️ सुरक्षा और कोर्ट परिसर की स्थिति

गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील किया गया और सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया। सुप्रीम कोर्ट की युगल पीठ ने ईडी और ईओडब्ल्यू को जांच पूरी करने के लिए समय सीमा तय की है। ईडी के लिए तीन और ईओडब्ल्यू के लिए दो महीने का समय निर्धारित किया गया है।

📌 निष्कर्ष

नान घोटाला छत्तीसगढ़ में सरकारी खाद्य आपूर्ति प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का एक बड़ा उदाहरण है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि उच्च पदों पर बैठे लोग भी कानून से ऊपर नहीं हैं। इस मामले की जांच और न्यायिक प्रक्रिया से यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में ऐसे घोटालों पर अंकुश लगेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचेगा।


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