छत्तीसगढ़: 62,000 आयकरदाता बने बीपीएल राशन कार्डधारी — विभाग ने कार्रवाई शुरू की

छत्तीसगढ़: 62,000 आयकरदाता बने बीपीएल राशन कार्डधारी — विभाग ने कार्रवाई शुरू की

24, 9, 2025

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राशन वितरण प्रणाली (PDS) में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा किया है। खाद्य विभाग की ताज़ा जांच में यह बात सामने आई है कि लगभग 62,000 से अधिक लोग, जो आयकर (Income Tax) देते हैं, उन्होंने गरीबी रेखा (BPL) राशन कार्ड प्राप्त कर रखा है। इन कार्डों के ज़रिए वे नियमित रूप से मुफ्त राशन ले रहे थे।

इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ, जब राशनकार्डधारियों का ई-केवाईसी, आधार लिंकिंग और अन्य सत्यापन की प्रक्रिया की गई। विभागीय जांच में पाया गया कि ये लोग फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके राशन कार्ड बनवाए थे। विभाग ने उनसे नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है और संभावित वसूली (राशन की राशि) की प्रक्रिया भी शुरू होगी। 


जाँच में क्या सामने आया

  • ये धोखेबाज़ी तीन साल से जारी थी।

  • राजधानी रायपुर में अकेले 10,361 आयकरदाताओं के पास बीपीएल कार्ड पाए गए।

  • इस सूची में 640 जीएसटी दाताओं/कारोबारियों को भी शामिल किया गया है।

  • साथ ही, 29 लाख से अधिक किसानों जिनके पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन है, उन्होंने भी बीपीएल कार्ड बनवाए।

  • विभागीय आंकड़ों के अनुसार, 1,05,590 निष्क्रिय आधार वाले कार्डधारक भी ऐसे पाए गए हैं, जिनका आधार सक्रिय नहीं था।

  • कई कार्डधारकों ने अपना राशन लगातार वर्षों तक उठाया। 


विभाग की कार्रवाई और आगे की रणनीति

खाद्य संचालनालय ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि फर्जी कार्डों की भौतिक सत्यापन (physical verification) की जाए। जिन कार्डों पर धोखाधड़ी पाई जाएगी, उन्हें रद्द करने के साथ-साथ राशन की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

यदि किसी राशन दुकान या स्थानीय अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ विभागीय जांच होगी। यह कदम भ्रष्टाचार रोकने और सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुँचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 

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