NH-130 की 74 करोड़ की सड़क 74 दिनों में ही खराब हुई — देवभोग में पहली बारिश ने उजागर की गुणवत्ता की कमियाँ

NH-130 की 74 करोड़ की सड़क 74 दिनों में ही खराब हुई — देवभोग में पहली बारिश ने उजागर की गुणवत्ता की कमियाँ

24, 9, 2025

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देवभोग (छत्तीसगढ़)। मदांगमुड़ा से देवभोग-उड़ीसा बॉर्डर तक बने नेशनल हाईवे-130 के उस हिस्से की सड़क जिसमें लगभग ₹74 करोड़ खर्च हुए हैं, इस निर्माण से जुड़ी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। सड़क निर्माण पूरा हुए करीब 74 दिनों बाद ही पहली बारिश में ही दरारें एवं गड्ढे उभर आए हैं, जिससे स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि नाराज़ हैं। 


घटना का ब्यौरा

  • इस सड़क का निर्माण कार्य कुछ महीनों पहले पूरा हुआ था। 

  • बारिश के बाद, सड़क के विभिन्न हिस्सों में डामर ख़राब हो गया, सतह पर दरारें आ गईं, और कुछ जगहों पर सड़क बह सी लग रही है। 

  • मदांगमुड़ा से देवभोग की यह सड़क, जो उड़ीसा बॉर्डर तक जाती है, मानकों की अनदेखी और निर्माण सामग्री की कम गुणवत्ता के कारण जल्दी ही बिगड़ गई है। 


स्थानीय प्रतिक्रिया और शिकायतें

  • स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इस स्थिति को बेहद लापरवाहीपूर्ण मान रहे हैं। 

  • उनका कहना है कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता में बड़े मानक से समझौता किया गया है क्योंकि इतनी जल्दी सड़क खराब हो जाना निर्माण की मूलभूत तकनीकी खामियों को स्पष्ट करता है। 

  • किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 


निर्माण में कथित कमियाँ

अधिकारियों व स्थानीय सूत्रों के अनुसार, निम्नलिखित कमियों की ओर संकेत किया गया है:

  1. निर्माण सामग्री (डामर, ज़मीन या आधार स्तर) की गुणवत्ता अपेक्षित मानकों के अनुरूप नहीं थी। 

  2. निर्माण में पानी निकासी की व्यवस्था पर्याप्त नहीं की गई थी, जिससे बारिश का पानी सड़क पर जमा हुआ और सतह में दरारें और गड्ढे बन गए। 

  3. नियंत्रण परीक्षणों (quality checks) की अनुपस्थिति बताई जा रही है, जिससे निर्माण प्रक्रिया में परीक्षण-प्रक्रिया उचित रूप से पालन नहीं हुई। 


आगे की कार्रवाई की संभावनाएँ

  • स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विभाग से मांग की है कि सड़क की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष जांच-प्राधिकरण बनाया जाए। 

  • आरोप है कि निर्माण ठेकेदार द्वारा लागत कम दिखाने के लिए घटिया सामग्री इस्तेमाल की गयी हो सकती है — इस मामले में सबूत एकत्र करने के लिए नागरिकों और मीडिया को सक्रिय रहने की आवश्यकता महसूस हो रही है। 

  • प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि सड़क की मरम्मत व सुधार कार्य जल्द से जल्द हो और भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो। 


निष्कर्ष

NH-130 प्रोजेक्ट का यह हिस्सा सभी खर्चों के बाद भी अपेक्षित गुणवत्ता और टिकाऊपन प्रदान नहीं कर पाया। सिर्फ़ 74 दिनों के भीतर सड़क पर आयी खराबी दर्शाती है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता नियंत्रण, सामग्री चयन और तकनीकी मानकों की गहरी कमी होनी चाहिए।

यह मामला स्थानीय जनता की मांगों की ओर इशारा करता है कि सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो। भविष्यात ऐसी सड़कें समाज की भलाई के लिए बनी हों, ऐसी अपेक्षा को इस घटना ने और मजबूत किया है।

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