छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में SAFEMA कोर्ट ने गांजा तस्करी से जुड़े एक मामले में ₹15 लाख की अवैध संपत्ति को जब्त कर फ्रीज़ कराने का आदेश दिया है।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में SAFEMA कोर्ट ने गांजा तस्करी से जुड़े एक मामले में ₹15 लाख की अवैध संपत्ति को जब्त कर फ्रीज़ कराने का आदेश दिया है।

24, 9, 2025

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रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में गांजा तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। SAFEMA कोर्ट (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act कोर्ट) ने गांजा तस्करी से जुड़े एक आरोपी की करीब 15 लाख रुपये मूल्य की अवैध संपत्ति को जब्त कर फ्रीज़ करने का आदेश जारी किया है। यह फैसला राज्य में नशीली दवाओं और अवैध कारोबार के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का अहम हिस्सा माना जा रहा है।

क्या है मामला?

रायगढ़ पुलिस को कुछ समय पहले गांजा तस्करी के मामले में बड़ी सफलता मिली थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी लंबे समय से गांजा की अवैध तस्करी कर रहा था और इसी अवैध धंधे से उसने मोटी रकम अर्जित की थी। आरोपी ने इस पैसे से संपत्ति खरीदी, जिसकी वैध आय के स्रोत नहीं मिल सके।

जांच रिपोर्ट को SAFEMA कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने यह पाया कि उक्त संपत्ति तस्करी से प्राप्त अवैध धन से खरीदी गई है। इसलिए इसे अवैध संपत्ति मानते हुए जब्त करने का आदेश जारी किया गया।

SAFEMA कोर्ट का आदेश

SAFEMA अधिनियम (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) के तहत अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्त कर फ्रीज़ करने का प्रावधान है। रायगढ़ SAFEMA कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपी की लगभग 15 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति को फ्रीज़ कर दिया जाए, ताकि न तो इसे बेचा जा सके और न ही आरोपी इसके इस्तेमाल से कोई लाभ उठा सके।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

  • रायगढ़ पुलिस और विशेष जांच टीम ने इस कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई।

  • पुलिस ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट के सामने प्रस्तुत की।

  • प्रशासन ने भी संपत्ति के दस्तावेजों की जांच की और यह स्पष्ट हुआ कि आय के कोई वैध स्रोत उपलब्ध नहीं हैं।

स्थानीय स्तर पर असर

इस कार्रवाई से इलाके में चर्चा का माहौल है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से तस्करी और नशे के कारोबार पर रोक लगेगी। कई लोग इसे सरकार और न्यायपालिका की मजबूत पहल मान रहे हैं।

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस कदम से युवाओं को बचाने की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि रायगढ़ और आसपास के जिलों में पिछले कुछ सालों से गांजा और अन्य नशे के कारोबार को लेकर चिंता जताई जा रही थी।

नशे का फैलता जाल

छत्तीसगढ़ में बीते वर्षों में गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के कई मामले सामने आए हैं।

  • ओडिशा और आंध्रप्रदेश से बड़ी मात्रा में गांजा की तस्करी कर छत्तीसगढ़ के जिलों में लाया जाता है।

  • रायगढ़, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर जैसे जिलों में पुलिस ने कई बार तस्करी के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है।

  • युवाओं और छात्रों पर नशे का प्रभाव बढ़ने की चिंता लगातार उठाई जा रही है।

सरकार और एजेंसियों का रुख

राज्य सरकार ने हाल के दिनों में स्पष्ट किया है कि नशे के खिलाफ "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई जाएगी।

  • पुलिस और नारकोटिक्स विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्तर पर तस्करी बर्दाश्त नहीं होगी।

  • SAFEMA कोर्ट के आदेश को इसी सख्ती का परिणाम माना जा रहा है।

आगे की कार्रवाई

अधिकारियों का कहना है कि आरोपी की बाकी संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। यदि और कोई संपत्ति अवैध आय से खरीदी पाई जाती है तो उसे भी जब्त किया जाएगा। साथ ही, आरोपी के खिलाफ दर्ज मामलों में कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।

नतीजा

यह मामला सिर्फ एक आरोपी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि अब अवैध कारोबार से कमाई गई संपत्ति भी सुरक्षित नहीं रहेगी। SAFEMA कोर्ट का यह आदेश तस्करी के खिलाफ एक मिसाल बन सकता है। इससे यह भी संदेश गया है कि अपराध से अर्जित धन और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी, चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो।

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