भूमि विवाद पर हिंसा: आदिवासी किसानों और बाहरी दबंगों के बीच संघर्ष, पुलिस ने यूपी से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया

भूमि विवाद पर हिंसा: आदिवासी किसानों और बाहरी दबंगों के बीच संघर्ष, पुलिस ने यूपी से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया

11, 8, 2025

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अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भूमि विवाद को लेकर आदिवासी किसानों और बाहरी दबंगों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ है। इस संघर्ष में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।


भूमि विवाद की पृष्ठभूमि

बलरामपुर जिले के ग्राम चपोता में आदिवासी किसानों की कृषि भूमि पर बाहरी दबंगों ने कब्जा करने की कोशिश की थी। किसानों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया। आदिवासी किसानों का आरोप है कि बाहरी दबंगों ने उनकी भूमि पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया था।


संघर्ष की घटना

ग्राम चपोता में भूमि विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीव्र संघर्ष हुआ। आदिवासी किसानों ने बाहरी दबंगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं। इस संघर्ष में कई लोग घायल हुए हैं और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है।


पुलिस की कार्रवाई

संघर्ष की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश की, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होती गई। पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। गिरफ्तार आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।


स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

इस घटना पर स्थानीय नेताओं ने चिंता व्यक्त की है। कांग्रेस विधायक ने कहा है कि इस प्रकार की घटनाएं राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और आदिवासी किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।


प्रशासन की ओर से कदम

जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। इसके अलावा, प्रशासन ने भूमि विवाद के समाधान के लिए एक समिति गठित की है, जो मामले की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।


बलरामपुर जिले के ग्राम चपोता में भूमि विवाद को लेकर हुए हिंसक संघर्ष ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भूमि विवादों को सुलझाने के लिए प्रभावी और त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है। स्थानीय नेताओं और प्रशासन को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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