रायपुर, 25 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और उनके सहयोगी दीपेन चौधरी से बुधवार को दो घंटे की पूछताछ की गई।

रायपुर, 25 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और उनके सहयोगी दीपेन चौधरी से बुधवार को दो घंटे की पूछताछ की गई।

24, 9, 2025

14

image

रायपुर, 25 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और उनके सहयोगी दीपेन चौधरी से बुधवार को दो घंटे की पूछताछ की गई। यह पूछताछ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) द्वारा की गई, जो इस मामले की जांच कर रहे हैं। चैतन्य बघेल पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं, क्योंकि उन्हें 18 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था।

पूछताछ का उद्देश्य और प्रक्रिया

सूत्रों के अनुसार, चैतन्य बघेल और दीपेन चौधरी से पूछताछ का मुख्य उद्देश्य शराब घोटाले में उनकी भूमिका और वित्तीय लेन-देन की जानकारी प्राप्त करना था। दोनों आरोपियों को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें EOW की हिरासत में 6 अक्टूबर तक भेज दिया गया। इस पूछताछ के दौरान, अधिकारियों ने दोनों से विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की।

शराब घोटाले का विवरण

यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार थी। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल ने इस घोटाले में लगभग 1,000 करोड़ रुपये की अवैध आय का संचालन किया। उन्होंने इन फंड्स को शेल कंपनियों और रियल एस्टेट परियोजनाओं के माध्यम से सफेद किया। इसके अलावा, उन्होंने नकली बिलों और बैंकिंग लेन-देन के जरिए भी धन का लेन-देन किया।

राजनीतिक और कानूनी प्रतिक्रिया

चैतन्य बघेल के वकील फैसल रिजवी ने इस पूछताछ को राजनीतिक दबाव का परिणाम बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को बिना ठोस साक्ष्यों के निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और केंद्र सरकार के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है।

निष्कर्ष

यह पूछताछ शराब घोटाले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों का मानना है कि इससे घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों और वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिल सकती है। हालांकि, चैतन्य बघेल और उनके सहयोगियों ने इन आरोपों को नकारा है, लेकिन जांच एजेंसियों की कार्रवाई से इस मामले में राजनीतिक और कानूनी हलचल बढ़ गई है।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चैतन्य बघेल और अन्य आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य सामने आते हैं और इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होती है।

Powered by Froala Editor