छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक छोटे से गांव में एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक 7 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक छोटे से गांव में एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक 7 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।

24, 9, 2025

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रायपुर, 25 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक छोटे से गांव में एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक 7 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे को घुटने में मामूली घाव होने के कारण एक मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा इंजेक्शन लगाया गया था। इंजेक्शन के बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई, और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उपचार के बावजूद उसकी मौत हो गई।

घटना का विवरण

घटना बलरामपुर जिले के एक गांव की है, जहां एक 7 वर्षीय बच्चे को घुटने में मामूली घाव हुआ था। परिजनों ने उसे नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ले जाकर इलाज करवाया। मेडिकल स्टोर संचालक ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने तुरंत बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उपचार के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

परिजनों की प्रतिक्रिया

बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि मेडिकल स्टोर संचालक ने बिना किसी चिकित्सकीय प्रमाणपत्र के इलाज किया। उन्होंने कहा कि यदि सही इलाज समय पर मिलता, तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बलरामपुर के एसडीएम ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद सभी नागरिकों से अपील की है कि वे केवल प्रमाणित और योग्य चिकित्सकों से ही इलाज करवाएं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, और लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

निष्कर्ष

यह घटना छत्तीसगढ़ में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या और उनके द्वारा की जाने वाली अवैध गतिविधियों की ओर इशारा करती है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, नागरिकों को भी जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।


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