रायपुर: कोर्ट परिसर के बाहर युवक पर हमला, सुरक्षा पर उठे सवाल

रायपुर: कोर्ट परिसर के बाहर युवक पर हमला, सुरक्षा पर उठे सवाल

24, 9, 2025

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रायपुर। राजधानी रायपुर में कोर्ट परिसर के बाहर एक युवक पर मंगलवार को जानलेवा हमला हुआ। यह घटना उस समय हुई जब युवक अपने भाई से मुलाकात कर लौट रहा था। हमलावरों ने अचानक हमला कर युवक को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को हैरान किया है, बल्कि न्यायपालिका और पुलिस सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

घटना के समय युवक अपने भाई से मिलने के बाद कोर्ट परिसर से बाहर आ रहा था। तभी कुछ अज्ञात हमलावरों ने उसे घेर लिया और उस पर हमला बोल दिया। हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हुआ और पास ही खड़े लोग शोर मचाने लगे। आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और घायल युवक को पास के अस्पताल ले जाया गया।

पुलिस के अनुसार, युवक की स्थिति गंभीर है, लेकिन चिकित्सकों ने उसे स्थिर बताया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। CCTV फुटेज और हमलावरों की पहचान के लिए आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

घटना की जानकारी मिलते ही रायपुर पुलिस मौके पर पहुंची और अपराध स्थल का मुआयना किया। वरिष्ठ अधिकारीयों ने कहा कि हमलावरों की पहचान के प्रयास जारी हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

डीएसपी ने बताया कि इस तरह की घटनाओं में आरोपी आम तौर पर पूर्व विवाद या व्यक्तिगत टकराव की वजह से हमला करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने का निर्णय लिया है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने घटना की कड़ी निंदा की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर और इसके आसपास सुरक्षित होने चाहिए, लेकिन ऐसी घटनाओं से यह भरोसा कमजोर होता है।

“हम कोर्ट आते हैं और न्याय की उम्मीद रखते हैं, लेकिन बाहर आते ही किसी पर हमला हो जाता है, यह चिंता का विषय है,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।

सुरक्षा पर उठते सवाल

घटना ने अदालत परिसर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कई वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों ने कहा कि कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा की कमी है। उन्होंने सुझाव दिया कि सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और पथ-प्रहरी की संख्या बढ़ाई जाए।

वकील संघ के अध्यक्ष ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने चाहिए। यह घटना केवल पीड़ित युवक के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि कानून का पालन करने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं हैं।

पिछले घटनाओं का संदर्भ

यह पहला मामला नहीं है जब रायपुर में कोर्ट परिसर या इसके आसपास हिंसा की घटना हुई हो। पिछले साल भी कई बार वकील, अभियुक्त या नागरिक कोर्ट परिसर में या उसके निकट हिंसा का शिकार हुए। इन घटनाओं ने सुरक्षा पर गंभीर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और डिजिटल निगरानी बढ़ाने से इस तरह की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।

प्रशासन और न्यायपालिका की भूमिका

रायपुर प्रशासन और न्यायपालिका दोनों को इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। प्रशासन को न केवल सुरक्षा बल तैनात करना चाहिए, बल्कि स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों की पहचान और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

न्यायपालिका को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोर्ट परिसर में आने वाले लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों के लिए भी सुरक्षा उपायों को बढ़ाना आवश्यक है।

पीड़ित और परिवार की स्थिति

युवक का परिवार इस हमले से स्तब्ध है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि उन्हें न्याय की उम्मीद है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन और पुलिस से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ्तार करें।

निष्कर्ष

रायपुर में कोर्ट परिसर के बाहर युवक पर हमला सिर्फ एक व्यक्तिगत अपराध नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। यह घटना अदालत परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा की कमी को उजागर करती है।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका को मिलकर तुरंत प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों। साथ ही, नागरिकों, वकीलों और न्यायिक कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून का पालन करने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं हैं, और इसे रोकने के लिए सभी संबंधित पक्षों को जिम्मेदारी लेकर सक्रिय होना होगा।

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