कोरबा: डेम से कूदकर गायब हुई युवती, आठ दिन से जारी है खोजबीन

कोरबा: डेम से कूदकर गायब हुई युवती, आठ दिन से जारी है खोजबीन

24, 9, 2025

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कोरबा। कोरबा जिले के राताखार डेम में 18 सितंबर 2025 को एक दुखद और सनसनीखेज घटना घटी। दो युवाओं – एक युवक और एक युवती – ने डेम से छलांग लगाई। युवक राहुल नामदेव को समय पर बचा लिया गया, लेकिन युवती शीलू त्रिपाठी का कोई सुराग नहीं मिला। आठ दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस और गोताखोर टीम की खोजबीन असफल रही है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और चिंता की लहर पैदा कर दी है।

घटना का विवरण

घटना के समय, डेम के किनारे काफी लोग मौजूद थे। बताया जा रहा है कि शीलू त्रिपाठी और राहुल नामदेव आपसी विवाद या किसी निजी कारण से डेम में गए थे। अचानक दोनों ने डेम में छलांग लगा दी। क्षेत्रीय लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और युवक राहुल को सुरक्षित निकाला। लेकिन शीलू का कोई पता नहीं चला।

स्थानीय पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अभियान शुरू किया। गोताखोरों और जल सुरक्षा दल को बुलाकर खोजबीन शुरू की गई। डेम का पानी गहरा और तेज बहाव वाला होने के कारण खोज कार्य चुनौतीपूर्ण है।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

पुलिस ने घटना के तुरंत बाद आसपास के क्षेत्र में सीसीटीवी फुटेज और गवाहों से पूछताछ शुरू कर दी। गोताखोर टीम ने डेम और आसपास के जलाशयों में लगातार खोजबीन की। अधिकारियों ने बताया कि युवती की तलाश में अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, लेकिन अभियान जारी रहेगा।

पुलिस ने यह भी कहा कि घटना आत्महत्या की दिशा में गई या किसी बाहरी दबाव का नतीजा है, इसकी जांच की जा रही है। युवती के परिवार से भी पुलिस संपर्क में है और उन्हें हर अपडेट दिया जा रहा है।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली है। कई लोगों ने प्रशासन और पुलिस से युवती की खोज में तेजी लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि डेम के आसपास सुरक्षा और चेतावनी संकेतों की कमी है, जिससे ऐसे हादसे अक्सर हो सकते हैं।

“हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा हमारे क्षेत्र में होगा। परिवार को बहुत दुख हुआ है, और हमें उम्मीद है कि प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।

गोताखोरों और बचाव दल की मेहनत

घटना के आठ दिन बीत जाने के बावजूद, गोताखोर दल डेम में लगातार खोज कार्य कर रहा है। टीम ने पानी के विभिन्न हिस्सों में जांच की, किनारों और गहरे हिस्सों में लगातार सर्च ऑपरेशन किया, लेकिन शीलू का कोई सुराग नहीं मिला।

बचाव दल ने कहा कि डेम का जल स्तर और तेज बहाव खोज कार्य को बेहद चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं। इसके बावजूद, टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि खोज जारी रहे और हर संभावना का लाभ उठाया जाए।

मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक पहलू

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन भी महत्वपूर्ण है। युवाओं के मानसिक तनाव और समाजिक दबाव के कारण यह कदम उठाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि स्थानीय स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं को युवाओं के लिए काउंसलिंग और समर्थन सेवाएँ उपलब्ध कराना चाहिए।

सुरक्षा और चेतावनी उपाय

स्थानीय प्रशासन ने डेम के आसपास सुरक्षा बढ़ाने की योजना बनाई है। सुरक्षा घेराबंदी, चेतावनी बोर्ड और सतर्कता अभियान शुरू किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों, प्रशासन और जल सुरक्षा विभाग मिलकर उपाय कर रहे हैं।

परिवार की प्रतिक्रिया

युवती शीलू त्रिपाठी के परिवार के लिए यह समय बेहद कठिन है। परिवार का कहना है कि वे हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि बेटी को खोजा जाए। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से अनुरोध किया है कि खोज अभियान में कोई कमी न आने पाए।

“हमने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। हम चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द हमारी बेटी को खोज निकाले,” परिवार के सदस्य ने कहा।

निष्कर्ष

कोरबा के राताखार डेम में युवती की गायब होने की घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी भी है। यह घटना स्थानीय प्रशासन और समुदाय को जागरूक करती है कि सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और जल सुरक्षा उपायों पर ध्यान देना कितना आवश्यक है।

पुलिस, गोताखोर दल और प्रशासन की टीम हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि युवती को सुरक्षित निकाला जा सके। स्थानीय लोगों और परिवार की चिंता इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है।

यह घटना स्पष्ट करती है कि ऐसे जलाशयों के आसपास सुरक्षा, चेतावनी और समाजिक समर्थन की व्यवस्था अत्यंत जरूरी है। प्रशासन और समुदाय मिलकर ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं और युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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