बीजापुर जिले के नेशनल हाइवे 163 पर बुधवार देर रात वन विभाग ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सागौन तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

बीजापुर जिले के नेशनल हाइवे 163 पर बुधवार देर रात वन विभाग ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सागौन तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

24, 9, 2025

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बीजापुर जिले के नेशनल हाइवे 163 पर बुधवार देर रात वन विभाग ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सागौन तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। वन विभाग की टीम ने तस्करों की कार का पीछा कर उसे पकड़ लिया, हालांकि ड्राइवर मौके से फरार हो गया। कार से 2 गोला और 20 चिरान सागौन की लकड़ी बरामद की गई है। इस कार्रवाई से वन विभाग ने सागौन तस्करी के खिलाफ अपनी सख्त नीति को स्पष्ट किया है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह लकड़ी महाराष्ट्र से तस्करी कर छत्तीसगढ़ लायी जा रही थी। तस्करी के इस रैकेट में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बनाई जा रही है। वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है।

सागौन की लकड़ी की तस्करी वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि यह अवैध व्यापार जंगलों की अंधाधुंध कटाई का कारण बनता है। इसके अलावा, यह पर्यावरणीय असंतुलन और जैव विविधता की हानि का कारण भी बनता है। इसलिए, वन विभाग ने इस प्रकार की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी इस प्रकार की तस्करी पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाइयों से जंगलों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।

वन विभाग ने इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लिया है और अन्य तस्करों को संदेश दिया है कि यदि वे इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि वन विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर है और जंगलों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इस प्रकार की कार्रवाइयाँ यह दर्शाती हैं कि वन विभाग सागौन तस्करी जैसे गंभीर अपराधों के खिलाफ सक्रिय है और ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यह कदम जंगलों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

आशा है कि इस प्रकार की कार्रवाइयाँ भविष्य में भी जारी रहेंगी और सागौन तस्करी जैसे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जाएगा। इससे न केवल जंगलों की रक्षा होगी, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन और जैव विविधता की हानि को भी रोका जा सकेगा।


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