कोंडागांव, छत्तीसगढ़: कोंडागांव में छत्तीसगढ़ पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद से बिजली उपभोक्ताओं के लिए समस्याएँ बढ़ गई हैं।

कोंडागांव, छत्तीसगढ़: कोंडागांव में छत्तीसगढ़ पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद से बिजली उपभोक्ताओं के लिए समस्याएँ बढ़ गई हैं।

24, 9, 2025

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कोंडागांव, छत्तीसगढ़: कोंडागांव में छत्तीसगढ़ पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद से बिजली उपभोक्ताओं के लिए समस्याएँ बढ़ गई हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिल में दो से चार गुना तक की वृद्धि देखी गई है। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि जो बिल पहले 100 से 500 रुपये के बीच आता था, वह अब बढ़कर 1500 से 4000 रुपये या इससे भी अधिक हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिजली की खपत में कोई बदलाव नहीं आया है, फिर भी बिल में भारी वृद्धि हुई है। 

कोंडागांव शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र देवांगन ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि प्रति यूनिट मात्र 20 पैसे की वृद्धि हुई है, जिससे जनता पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। बिल में वृद्धि का कारण खपत बढ़ने को बताया गया है, लेकिन उपभोक्ताओं को यह भी चिंता है कि स्मार्ट मीटर में तकनीकी खराबी हो सकती है। उन्हें यह आशंका है कि इन मीटरों को प्रीपेड मोड में बदल दिया जाएगा। उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग में कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बिल में वृद्धि खपत बढ़ने के कारण हुई है। 

इससे पहले, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण खरौद नगर पंचायत में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद महिलाओं ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी थी। उनका कहना था कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिल में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए असहनीय है। बिजली विभाग ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे उपभोक्ताओं में आक्रोश है। 

स्मार्ट मीटर की तकनीकी खामियों और बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर राज्यभर में उपभोक्ताओं में असंतोष है। उपभोक्ता संगठन और विपक्षी दल सरकार से मांग कर रहे हैं कि स्मार्ट मीटर की जांच की जाए और उपभोक्ताओं को राहत दी जाए।

इस मुद्दे पर सरकार और बिजली विभाग को उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, ताकि स्मार्ट मीटर का उद्देश्य सफल हो सके और उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो।

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